यूपी बजट से उम्मीदें : रैपिड रेल परियोजना में भी तेजी आने की संभावना Meerut News
रैपिड रेल के लिए इस बार फिर बजट से करोड़ों रुपये मिलने की उम्मीद है। हालांकि प्रदेश सरकार पिछले दो वर्ष से बजट में इसके लिए प्रावधान करती आ रही है।
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल के लिए इस बार फिर बजट से करोड़ों रुपये मिलने की उम्मीद है। हालांकि प्रदेश सरकार पिछले दो वर्ष से बजट में इसके लिए प्रावधान करती आ रही है। प्रदेश सरकार अब तक इस परियोजना के लिए 650 करोड़ रुपये दे चुकी है।
60 फीसद धन ऋण
उधर, केंद्र सरकार भी अपनी हिस्सेदारी के तहत 2018, 2019 व 2020 के बजट में धनराशि दे चुकी है। केंद्र सरकार ने अब तक इस परियोजना के लिए कुल 4146 करोड़ रुपये दिए हैं। 60 फीसद धन ऋण लिया जा रहा है, जिसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिहवन निगम (एनसीआरटीसी) के बीच ऋण के लिए करार हो चुका है। जैसे-जैसे काम आगे बढ़ता जाएगा, इस बैंक से जरूरत के हिसाब से धनराशि मिलती जाएगी।
चल रहा है निर्माण कार्य
गौरतलब है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के अंतर्गत दुहाई से साहिबाबाद तक पिलर निर्माण कार्य चल रहा है। दुहाई से मेरठ के शताब्दीनगर तक स्टेशन बनाने के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। मेरठ क्षेत्र में भी रोड चौड़ीकरण चल रहा है। दिल्ली में प्रस्तावित आनंद विहार भूमिगत स्टेशन का टेंडर हो चुका है। मेरठ में भूमिगत स्टेशनों के लिए भी टेंडर निकालने की तैयारी है। परियोजना की लागत 32 हजार करोड़ रुपये है। इसका 60 फीसद धन ऋण एशियन डेवलपमेंट बैंक से लिया जा रहा है।
इनका कहना है
रीजनल रैपिड रेल परियोजना के लिए सरकारें सकारात्मक हैं। कार्य के हिसाब से जैसे-जैसे डिमांड भेजी जाती है और प्रगति की जो स्थिति है, उसी अनुपात में सरकारें हर बजट में धनराशि का प्रावधान कर रही हैं। उसी तरह से इस बार भी बजट से उम्मीद है।
- सुधीर शर्मा, सीपीआरओ एनसीआरटीसी
रैपिड रेल की ये हैं खूबियां
- 60 मिनट से भी कम समय में पहुंच सकेंगे दिल्ली।
- ऑपरेशनल स्पीड 160, जबकि औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटे।
- ट्रेन प्रत्येक 5-10 मिनट की आवृत्ति पर उपलब्ध होगी।
- बिना ट्रेन बदले ही अलवर या गुरुग्राम जा सकेंगे।
- दुहाई तक 2023 और मेरठ तक 2025 तक चलेगी रैपिड रेल।