प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने को उमड़ा युवाओं का हुजूम
मेरठ। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पहली बार प्रदेश सरकार की ओर से लिखित परीक्ष्
मेरठ। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पहली बार प्रदेश सरकार की ओर से लिखित परीक्षा कराई गई। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रविवार को मेरठ में 32 केंद्रों पर परीक्षा हुई। इसमें 10736 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। पेपर आउट न हो इसके लिए सर्विलांस की टीम भी सक्रिय रही।
मानक से कड़ी परीक्षा
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से जारी अधिसूचना में बीटीसी, बीएड प्रशिक्षण के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी को अनिवार्य किया गया था। इसके बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों को ही प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिला, लेकिन इसमें कई तरह के विवाद होते रहे। 20 नवंबर 2017 को उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी या सीटीईटी पास अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए लिखित परीक्षा को भी अनिवार्य किया गया। रविवार को शिक्षकों के लिए कड़ी परीक्षा रही। प्रश्न पत्र का स्तर भी सामान्य से ऊपर रहा।
फेल होने पर नहीं मिलेगा मौका
प्रदेश में 68 हजार पांच सौ पदों पर शिक्षक भर्ती होने वाली है। इसमें लिखित परीक्षा में मिले अंक के 60 फीसदी मेरिट में जोड़े जाएंगे। इसके अलावा हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के 10-10 फीसद अंक जुूडे़ंगे। लिखित परीक्षा में फेल होने वाले अभ्यर्थी शिक्षक नहीं बन पाएंगे।
पास का प्रतिशत
सामान्य और ओबीसी - 33 फीसद
एसटी और एससी - 30 फीसद
ओएमआर लेकर भागी छात्रा
सेठ बीके माहेश्वरी गर्ल्स कालेज में परीक्षा के दौरान एक छात्रा ओएमआर शीट लेकर चली गई, इसे लेकर सेंटर पर शोर मचने लगा कि छात्रा ओएमआर लेकर भाग गई। बाद में छात्रा को बुलाया गया, तो उसने बताया कि उसने गलती से ओएमआर ले लिया था। बाद में जमा कर दिया।
1625 अभ्यर्थी रहे गैरहाजिर
सहायक अध्यापक परीक्षा में कुल पंजीकृत अभ्यर्थियों में नौ हजार एक सौ 11 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। 1625 अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने पेपर को कठिन बताया। पहली बार परीक्षा होने की वजह से अभ्यर्थी काफी परेशान दिखे। संविधान, शिक्षा, खेलकूद और शिक्षक अभिरुचि से संबंधित सवाल पूछे गए थे।