सीसीएसयू में मूल्यांकन शुरू, कम पहुंचे शिक्षका
चौ. चरण सिंह विवि परिसर (सीसीएसयू) में गुरुवार से मूल्यांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है।
मेरठ, जेएनएन। चौ. चरण सिंह विवि परिसर (सीसीएसयू) में गुरुवार से मूल्यांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है। कांशीराम शोधपीठ और आइक्यूएसी में मूल्यांकन का केंद्र बनाया गया है। विवि प्रशासन इस बार सेंटर मूल्यांकन के साथ कॉलेजों में भी मूल्यांकन केंद्र बना रहा है। ताकि जिन विषयों की परीक्षा हो चुकी है, उनकी कापियों का मूल्यांकन पहले कर लिया जाए। इससे पहले सभी कापियों की बार कोडिग की गई। इसके बाद मूल्यांकन शुरू किया गया। पहले दिन मूल्यांकन के लिए बहुत कम शिक्षक आए, एक दो दिन में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मूल्यांकन में शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। सेंटर को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है।
ऑनलाइन निकालिए सर्टिफिकेट, विवि की वेबसाइट पर लिंक जारी
मेरठ, जेएनएन। चौ.चरण सिंह विवि और उससे जुड़े छात्र-छात्राएं अपने माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं। गुरुवार देर शाम विवि की वेबसाइट पर इसका लिक दे दिया गया। अभी माइग्रेशन और प्रोविजनल सर्टिफिकेट की सुविधा ऑनलाइन की गई है। इसमें छात्र ऑनलाइन शुल्क जमा कर सकेंगे। उसके बाद प्रिट निकाल सकेंगे। डिग्री और मार्कशीट के लिए अभी भी छात्र सहायता केंद्र पर व्यवस्था रहेगी। गुरुवार को पूर्णलॉकडाउन होने के बाद भी 25 से 30 छात्र डिग्री और मार्कशीट के लिए पहुंचे। काउंटर से उनकी मार्कशीट और डिग्री दी गई। शुक्रवार को छात्र सहायता केंद्र खुला रहेगा। छात्र छात्राएं जिलेवार डिग्री मार्कशीट प्राप्त कर सकते हैं। -25 जून तक आ सकता है यूपी बोर्ड का रिजल्ट जागरण संवाददाता, मेरठ : माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानी यूपी बोर्ड की ओर से वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 25 जून तक जारी करने की तैयारी की जा रही है। परिषद मुख्यालय की ओर से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को 20 जून तक परिणाम पूरा करने को कहा है जिससे मुख्यालय स्तर से 25 जून तक रिजल्ट जारी किया जा सके। क्षेत्रीय कार्यालयों से रिजल्ट मिलने के बाद मुख्यालय को रिजल्ट जारी करने के लिए कम से कम तीन दिन का समय लगता है। मेरठ परिक्षेत्र के तमाम जिलों में तीसरे चरण में मूल्यांकन शुरू होने के बाद भी मूल्यांकन पूरा होने की कगार में है। कुछ जिलों में मूल्यांकन पूरा हो चुका है जबकि मेरठ, आगरा सहित कुछ अन्य जिलों में अगले चार से पांच दिनों में मूल्यांकन पूरा हो जाएगा। मूल्यांकन पूरा होने के बाद 15 से 20 दिनों में रिजल्ट कंपाइल हो जाएगा।
रविवार तक पूरा हो सकता है मेरठ का मूल्यांकन
मेरठ में पांच केंद्रों पर मूल्यांकन चल रहा है। शुरुआती परीक्षकों की कमी के बावजूद तीसरे-चौथे दिन से मूल्यांकन प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली थी। अब भी 40 फीसद से अधिक परीक्षक नदारद हैं। इसके बाद भी मेरठ में गुरुवार तक 88.58 फीसद मूल्यांकन पूरा हो चुका है। एसडी सदर में 93.43 फीसद, सेंट जोजफ इंटर कॉलेज में 92.15 फीसद, जीआइसी में 91.13 फीसद केके इंटर कॉलेज में 87.87 फीसद और राम सहाय इंटर कॉलेज में 79.91 फीसद कॉपियों का मूल्यांकन पूरा हो चुका है।
कई विषयों का मूल्यांकन पूरा
पांचों मूल्यांकन केंद्रों पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कई विषयों का मूल्यांकन पूरा हो चुका है। इसीलिए अब परीक्षकों की संख्या भी और कम होती जा रही है। गुरुवार को कुल 2788 परीक्षकों में से 1350 परीक्षकों ने कॉपियां जांची। अनुपस्थित परीक्षकों में करीब 40 फीसद शुरू से ही अनुपस्थित हैं। वहीं अब कम हो रही संख्या वह है जो मूल्यांकन पूरे हो चुके हैं। जिले में कुल 5,70,041 उत्तर पुस्तिका आवंटित हैं। इनमें से गुरुवार को 61,258 कॉपियों का मूल्यांकन हुआ। अब तक कुल 5,04,925 कॉपियों का मूल्यांकन पूरा हो चुका है। नंबर बढ़वाने का दावा करने वालों से रहें सावधान
मेरठ, जेएनएन। पिछले दिनों यूपी बोर्ड के छात्रों से नंबर बढ़वाने के नाम पर रुपये एठने वालों की शिकायत मिलने के बाद परिषद मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा था। अब सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से भी कुछ लोग सीबीएसई कर्मचारी व अधिकारी बनकर नंबर बढ़वाने का दावा करते हुए रुपये एठने में लगे हैं। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने गुरुवार को पब्लिक एडवाइजरी जारी कर छात्र-छात्राओं व उनके माता-पिता को सावधान किया है। सीबीएसई एडवाइजरी के अनुसार कुछ लोग सीबीएसई प्रतिनिधि बनकर नंबर बढ़वाने का दावा करते हुए रुपये मांग रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहें और यह जानकारी रखें कि सीबीएसई से कोई भी व्यक्ति नंबर बढ़ाने का दावा नहीं कर रहा है। ऐसे फर्जी लोग यदि संपर्क करें तो तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचित करें। ऐसे किसी व्यक्ति को रुपये देने की जिम्मेदारी स्वजनों की होगी। सीबीएसई इसके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा।