ई-रिक्शा पर नियंत्रण से अधिकारियों ने खड़े किए हाथ
ई-रिक्शा पर नियंत्रण से अधिकारियों ने खड़े किए हाथ शहर में ई- रिक्शाओं की बेहिसाब संख्या से सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी इस समस्या को निपटाने की मांग को लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंचे और नियम और कायदों को ताक में रख कर चल रहे ई- रिक्शा पर अंकुश लगाने की मांग की। लेकिन ई रिक्शा पर लगाम कसने को लेकर आरटीओ ने हाथ खड़े कर दिए। आरटीओ डा. विजय कुमार ने कहा कि इस संबंध में प्रशासन ही कार्रवाई कर सकता है।
मेरठ : शहर में ई- रिक्शाओं की बेहिसाब संख्या से सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी इस समस्या को निपटाने की मांग को लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंचे और नियम और कायदों को ताक में रख कर चल रहे ई- रिक्शा पर अंकुश लगाने की मांग की। लेकिन ई रिक्शा पर लगाम कसने को लेकर आरटीओ ने हाथ खड़े कर दिए। आरटीओ डा. विजय कुमार ने कहा कि इस संबंध में प्रशासन ही कार्रवाई कर सकता है।
शहर में इस समय 25 हजार से अधिक ई रिक्शा चल रहे हैं। अधिकांश ई - रिक्शाओं का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। पिछले कई महीनों से लगी रोक के बाद आरटीओ में फिर से ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन आरंभ हो गए हैं। पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि मौजूदा समय में केवल 4025 ई रिक्शा रजिस्टर्ड हैं और सड़कों पर एक नंबर पर तीन तीन रिक्शा चल रहे हैं। आरटीओ द्वारा इस संबंध में कार्रवाई का अधिकार न होने की बात कहने पर डा. बाजपेयी ने नाराजगी जतायी। उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 115 और 1998 की धारा 178 का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत सड़कों के आकार और क्षेत्र विशेष में ट्रैफिक के घनत्व के आधार पर वाहनों को प्रतिबंधित करने का अधिकार है। डा. लक्ष्मीकांत ने कहा कि सड़कों पर बेहिसाब ई - रिक्शा के कारण भीषण जाम लग रहा है और अधिकारियो के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। नरेंद्र उपाध्याय, विवेक बाजपेयी, गौरव शर्मा, कुलदीप वाल्मीकि, चिराग पांडेय, शगुन शर्मा, राहुल कोरी, संजय सम्राट आदि मौजूद रहे।