स्वदेश लौटे घुड़सवार, होगा भव्य स्वागत व सम्मान
18वें एशियन गेम्स में घुड़सवारी की इवेंटिंग प्रतियोगिता में टीम रजत पदक जीतकर घुड़सवारी टीम वापस स्वदेश लौट आई है। बुधवार रात करीब आठ बजे सभी घुड़सवार दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर ही टीम के स्वागत के लिए इक्वेट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईएफआइ), रिमाउंट वेटनरी सर्विस (आरवीएस) और मेरठ छावनी स्थित रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कालेज के प्रतिनिधियों ने पदक विजेताओं का स्वागत किया।
मेरठ : 18वें एशियन गेम्स में घुड़सवारी की इवेंटिंग प्रतियोगिता में टीम रजत पदक जीतकर घुड़सवारी टीम वापस स्वदेश लौट आई है। बुधवार रात करीब आठ बजे सभी घुड़सवार दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर ही टीम के स्वागत के लिए इक्वेट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईएफआइ), रिमाउंट वेटनरी सर्विस (आरवीएस) और मेरठ छावनी स्थित रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कालेज के प्रतिनिधियों ने पदक विजेताओं का स्वागत किया। इनके अलावा भी दिल्ली छावनी व सेना मुख्यालय के प्रतिनिधियों ने पदक विजेता मेजर आशीष मलिक, सवार विकास कुमार व सवार जितेंद्र सिंह का माला व फूलों वे स्वागत किया गया। 'वेलकम बैक इक्वेस्ट्रियन हीरोज' के संदेश के साथ एशियन गेम्स की तस्वीरों से सजे बैनर के साथ उनके स्वागत को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।
रंग लाई ईएफआइ की कोशिश
घुड़सवारी के विश्व फलक पर भारतीय नाम भी दमदार स्थिति में रखने के लिए इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया लगातार घुड़सवारी को बढ़ावा दे रही है। ईएफआइ के वाइस प्रेसीडेंट वित्त जीतू विरमानी ने घुड़सवारों को फ्रांस में रहकर ट्रेनिंग दिलाने में लगने वाले खर्च स्वयं वहन किया। उनके साथ ही ईएफआइ के महासचिव कर्नल आरके स्वाइन ने हर प्रतियोगिता में घुड़सवारों का मनोबल बढ़ाया और समय-समय पर उन्हें उनकी कमियों से अवगत कराते हुए अपडेट करने में मदद की। आरवीसी में भी आयोजित एशियन गेम्स के हर ट्रायल के दौरान वे मेरठ में मौजूद रहे। आरवीसी के क्वार्टर मास्टर जनरल ले. जनरल अशोक आंबरे ने एशियन गेम्स के लिए टीम को चयनित करने और जकार्ता भेजने में अहम भूमिका निभाई।
जारी है सेना का मिशन ओलंपिक
भारतीय सेना मुख्यालय के मिशन ओलंपिक विंग की ओर से आरवीसी सेंटर एंड कालेज में आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड बनाई गई। इस नोड में देश भर के घुड़सवारों की टीम बनाकर लगातार ट्रेनिंग कराई गई। मिशन एशियन गेम्स में सफलता मिली और अब मिशन ओलंपिक के लिए घुड़सवारों की ट्रेनिंग कराई जाएगी।