शहर को बनाना है स्मार्ट, उद्यमियों ने एमडीए और नगर निगम को दिए ये अहम सुझाव Meerut News
वेस्टर्न यूपी चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सभागार में शनिवार को उद्यमियों ने शहर के विकास और स्मार्ट सिटी बनाने पर एमडीए और नगर निगम अधिकारियों के साथ चर्चा की।
मेरठ, जेएनएन। छावनी के बॉम्बे बाजार स्थित वेस्टर्न यूपी चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सभागार में शनिवार को उद्यमियों ने शहर के विकास और स्मार्ट सिटी बनाने पर एमडीए और नगर निगम अधिकारियों के साथ चर्चा की, जिसमे शहर के 14 बड़े नालों को ढककर वेंडिंग जॉन और वाहन पार्किंग स्थल बनाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही आईटी पार्क की तर्ज पर मेरठ में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के लिए स्थान चिन्हित करने की मांग की।शनिवार दोपहर एक बजे चैंबर सभागार में बड़ी संख्या में उद्यमी बैठक में शामिल हुए।
14 नालों को ढककर वेंडिंग जाने का सुझाव
नगर आयुक्त डॉ अरविंद कुमार चौरसिया के समक्ष चेम्बर के अध्यक्ष डॉ रामकुमार गुप्ता ने छह मांगे रखीं। कहा कि शहर में 14 नाले ऐसे हैं, जिनको ढककर वेंडिंग जोन और वाहन पार्किंग स्थल बनाया जा सकता है। इससे नगर निगम को हर महीने अच्छी कमाई भी होगी। नाले ढकने से मच्छरों का प्रकोप व दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा। सड़कें अतिक्रमण मुक्त होंगी। छोटे दुकानदारों को स्थान मिलेगा जिससे रोजगार बढेगा। इसके अलावा औधोगिक क्षेत्रो में मजबूत और चौड़ी सड़क, गड्ढा मुक्त सड़क बनाने की मांग की। कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी, गंगानगर की समस्याएं प्रमुखता से उठाई। गंगानगर डिवाइडर रोड पर मेनहोल के ढक्कन खुले होने की बात भी रखी।
नाले की सफाई का उठा मुद्दा
डिफेंस कालोनी में सीवर, जल निकासी व नाले की सफाई का मामला भी उठाया। औद्योगिक आस्थानों में ओपन लैंड पर हाउस टैक्स न लेने की मांग रखी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सुधारने व अस्थाई खत्ता समाप्त करने की मांग रखी। बैठक में एमडीए के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय के समक्ष भी छह प्रमुख मांगे रखी गईं। बैठक में चेम्बर के पदाधिकारियों में शशांक जैन, सरिता अग्रवाल, अजय गुप्ता, अनुराग अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में उधमी शामिल रहे।
उठाई गईं ये मांगें
आईटी पार्क की तर्ज पर फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के लिए स्थान चिन्हित किया जाए। महायोजना के मास्टर प्लान में जोनल प्लान को भी शामिल किया जाए। प्रत्येक माह बैठक कर उसका पुनरीक्षण किया जाए। जिसमे उधमी संगठन के प्रतिनिधि बुलाये जाएं। 2021 के प्लान में औधोगिक क्षेत्र केवल 1200 हेक्टेयर चिन्हित किया गया है। जो कि वर्तमान में कुल भूमि का सात प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर कम से कम 20 प्रतिशत किया जाना चाहिए।औद्योगिक विकास के लिए एमडीए में एक औद्योगिक सलाहकार की नियुक्ति की जानी चाहिए। जो कि उद्योग व व्यापार से सम्बंधित विषयों पर चर्चा कर सही दिशा मिलेगी। एमडीए से नक्शे पास कराने की कम्पाउंडिंग प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। एमडीए के मास्टर प्लान में औद्योगिक क्षेत्र का जोनल प्लान शामिल नही है। जो असुविधा का कारण हैं। नक्शे पास होने में समस्याएं आती हैं।