अतिक्रमण और डेयरी हटा दी तो फिर जाम क्यों है शहर
नगर निगम का दावा है कि शहर से अवैध डेयरियां और सड़कों से अतिक्रमण हटा दिया गया है। मुख्य सड़कों की चौड़ाई के बोर्ड स्थापित करके उनके किनारों पर पेंट से सीमा रेखा खींच दी गई है।
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम का दावा है कि शहर से अवैध डेयरियां और सड़कों से अतिक्रमण हटा दिया गया है। मुख्य सड़कों की चौड़ाई के बोर्ड स्थापित करके उनके किनारों पर पेंट से सीमा रेखा खींच दी गई है। निगम ने यह दावा शहर को जाममुक्त करने की योजना के तहत जिलाधिकारी को भेजी गई प्रगति रिपोर्ट में किया है। निगम की यह रिपोर्ट जनता और अफसर किसी के भी गले से नहीं उतर रही है। सवाल है कि अगर अतिक्रमण और डेयरी हटा दी गई हैं तो फिर शहर में जाम क्यों खत्म नहीं हुआ? शहर को जाममुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रयास किए जा रहे हैं। कमिश्नर के निर्देशन में दर्जनभर विभाग योजना पर काम कर रहे हैं। सबसे अहम जिम्मेदारी नगर निगम की है। सभी विभागों की भांति नगर निगम ने भी यातायात परियोजना में अपनी जिम्मेदारियों के संबंध में प्रगति रिपोर्ट भेजी है। जिसमें निगम अफसरों ने कार्रवाई के दावे किए हैं लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी इस कार्रवाई से शहर की जाम की समस्या में कोई सुधार नहीं हुआ है।
नगर निगम के दावे
1. अवैध डेयरी को शहर से बाहर निकालना : वार्ड 68 में संयुक्त अभियान चलाकर 30 डेयरियां बाहर की गईं हैं। 8 पशुओं को जब्त किया गया। कैटिल कालोनी बनाने की जिम्मेदारी एमडीए की है।
2. शहर की मुख्य सड़कों पर चौड़ाई से संबंधित बोर्ड लगा दिए गए हैं। सड़क की सीमा को भी पेंट से चिन्हित कर दिया गया है। अब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जानी है।
3. अतिक्रमण हटाने के लिए यातायात पुलिस, नगर निगम, कैंट बोर्ड तथा विकास प्राधिकरण द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाना था। फिर से अतिक्रमण न हो सके, इसके लिए सड़क की साइडो में लोहे के पोल लगाने थे। निगम का दावा है कि प्रवेश विहार, वैली बाजार, भगत सिंह मार्केट, अंबेडकर रोड कंकरखेड़ा, खिर्वा रोड पर अस्थाई कब्जे हटवा दिए गए हैं। बाईपास भोला रोड, एल ब्लाक शास्त्रीनगर, न्यू के ब्लाक शास्त्रीनगर तथा भगत सिंह मार्केट में अंदर दुकानों के सामने नाली और सड़क पर हुए कब्जों को अक्टूबर में ही हटवाना प्रस्तावित है।
4. शहर में सात स्थानों पर वैंडिग जोन बनाए जाने थे। चार स्थानों पर काम पूरा कर लिया गया है। जबकि पल्लवपुरम में दो स्थानों पर नागरिकों के विरोध के कारण काम नहीं हो सका है। सूरजकुंड पार्क के पास वैंडिग जोन निर्माण के लिए सूड़ा से धनराशि का इंतजार है।
5. मल्टीलेवल पार्किंग : स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम कार्यालय परिसर में मल्टीलेवल पार्किग बनाने की योजना है। जिसका 40 करोड़ का प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा गया है। अभी शासन से इसके लिए धनराशि स्वीकृत नहीं हो सकी है।
6. तहसील कार्यालय दिल्ली रोड से बच्चा पार्क तक एलीवेटिड रोड का निर्माण कराया जाना है। स्मार्ट सिटी के तहत सेतु निगम द्वारा इसका 50 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
7. 9 चौराहों का सुधार कार्य एमडीए से संबंधित है।
8. इंटीग्रेटिड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना का काम एमडीए से संबंधित है।
9. शहर में स्मार्ट रोड का निर्माण : स्मार्ट सिटी के तहत बेगमपुल से हापुड़ अड्डा, हापुड़ अड्डा से बिजलीबंबा बाईपास चौराहा तक 77.45 करोड़ का प्रस्ताव तैयार करके पीडब्ल्यूडी द्वारा शासन को भेजा गया है।
इन्होंने कहा..
यातायात प्लान के तहत प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी निर्धारित है। संयुक्त प्रयासों से ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। नगर निगम के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं। निगम की रिपोर्ट का अध्ययन करके उससे संबंधित कार्यों में तेजी से काम कराने का प्रयास किया जाएगा।
अनीता सी मेश्राम, कमिश्नर