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ईरानी गैंग के तीन बदमाशों से मुठभेड़, दो को गोली लगी

सदर बाजार थाना पुलिस और बदमाशों के बीच बुधवार देर रात भूसा मंडी तिराहे पर हुई मुठभेड़ में दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। एक बदमाश पुलिस पर फाय¨रग करते हुए फरार हो गया। घायल बदमाशों को मेडिकल में भर्ती कराया है। यह गिरोह फर्जी पुलिसकर्मी बनकर महिलाओं से ठगी के साथ लूटपाट भी करता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 10:30 AM (IST)
ईरानी गैंग के तीन बदमाशों से मुठभेड़, दो को गोली लगी
ईरानी गैंग के तीन बदमाशों से मुठभेड़, दो को गोली लगी

मेरठ : सदर बाजार थाना पुलिस और बदमाशों के बीच बुधवार देर रात भूसा मंडी तिराहे पर हुई मुठभेड़ में दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। एक बदमाश पुलिस पर फाय¨रग करते हुए फरार हो गया। घायल बदमाशों को मेडिकल में भर्ती कराया है। यह गिरोह फर्जी पुलिसकर्मी बनकर महिलाओं से ठगी के साथ लूटपाट भी करता है।

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एएसपी क्राइम सतपाल और एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि सदर बाजार थाना प्रभारी प्रशांत कपिल को सूचना मिली कि आर्मी अस्पताल की तरफ से बाइक पर तीन लुटेरे भूसा मंडी तिराहे की तरफ आ रहे हैं। पुलिस ने भूसा मंडी तिराहे पर घेराबंदी कर ली। जब बदमाश यहां पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया गया, लेकिन उन्होंने पुलिस पर गोलियां चला दी। पुलिस ने बचाव में फाय¨रग की तो पैर में गोली लगने से दो बदमाश घायल हो गए। घायल बदमाशों की पहचान नवाब हैदर पुत्र हसन अब्बासी निवासी पठानपुरा मंगलौर हरिद्वार, अहमद अली पुत्र जाकिर अली निवासी लैसवाड़ा देवबंद सहारनपुर के रूप में हुई। तीसरा बदमाश इम्तियाज हुसैन पुत्र मुस्लिम हुसैन निवासी लैसवाड़ा फरार हो गया। बदमाशों से अपाचे बाइक, दो तमंचे, कारतूस, कुछ आइ-कार्ड, चार कंगन, चार टॉप्स, दो अंगूठी, एक मंगलसूत्र, चूड़ियां आदि सामान मिला है। बता दें कि मंगलवार को भी आरोपितों ने एक महिला को ठगा था।

गृह मंत्रालय तक के फर्जी आइ-कार्ड मिले

आरोपितों के पास से पुलिस के आइ-कार्ड के अलावा गृह मंत्रालय के भी फर्जी कार्ड मिले हैं। आरोपित खुद को पुलिसकर्मी व गृह मंत्रालय का कर्मचारी बताकर लोगों को ठगते थे।

इसलिए कहा जाता है ईरानी गैंग

इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल ने बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ईरानी गैंग सक्रिय है। ये लोग ठगी के अलावा लूटपाट भी करते हैं। 300-400 साल पहले ईरान से आए इस गैंग के पूर्वज उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में रह गए थे। ये लोग शुरू से ही आपराधिक प्रवृत्ति के रहे हैं, इसलिए इन्हें ईरानी गैंग के नाम से जाना जाता है।


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