शिक्षक प्रशिक्षण में बच्चों के समग्र विकास पर जोर
नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने हर जिले में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए भी कोआर्डिनेटर नियुक्त कर दिए हैं।
मेरठ, जेएनएन। नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने हर जिले में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए भी कोआर्डिनेटर नियुक्त कर दिए हैं। इसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण बच्चों को महज विषयों को ठीक से पढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि उनके समग्र विकास के लिए किया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण में बच्चों का 360 डिग्री मूल्यांकन करने के लिए विशेष जोर है। जिससे बच्चे केवल विषय के पढ़ाकू ही न बने बल्कि खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लें। सीबीएसई के इस पायलट प्रोजेक्ट में मेरठ जिला भी शामिल है। इस बाबत सीबीएसई ने पहली बार टीचर्स ट्रेनिग कोआíडनेटर बनाया है। ताकि मनोरंजक हों टीचिग-लर्निग
मेरठ की टीचर्स ट्रेनिग कोआíडनेटर डा. अल्पना शर्मा के अनुसार बच्चों की शिक्षा में होलिस्टिक डेवलपमेंट पर सीबीएसई का फोकस अधिक है। इसीलिए टीचर्स ट्रेनिग में आर्ट इंटीग्रेटेड, आर्ट एजुकेशन और स्पोर्ट्स पर अधिक फोकस है। इसमें आर्ट और परफाíमंग आर्ट को प्रमुखता दी गई है, जिससे शिक्षक बच्चों की पढ़ाई को मनोरंजक बना सकें। इतना ही नहीं शिक्षक बच्चों को इस तरह पढ़ा सकें कि पढ़ाया गया बिदु बच्चों के जहन में हमेशा के लिए रह जाए। शिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद सीबीएसई की ओर से बच्चों के विस्तृत मूल्यांकन की नियमावली व दिशा-निर्देश भी जारी होंगे।
एनईपी से हर वर्ग जुड़ेगा
डा. अल्पना शर्मा के अनुसार एनईपी यानी नई शिक्षा नीति के प्रति हर वर्ग को जागरूक करने के लिए वर्तमान में प्रधानाचार्यो का प्रशिक्षण फरवरी तक पूरे किए जाने हैं। इसके बाद शिक्षकों के प्रशिक्षण होंगे और बाद में अभिभावकों को भी नई शिक्षा नीति पर जागरूक करने और उसके क्रियान्वयन में अभिभावकों के योगदान की जानकारी दी जाएगी। करीब छह माह पायलट प्रोजेक्ट पर काम होगा। इसके बाद नई शिक्षा नीति को देश भर के स्कूलों में लागू किया जाएगा।