चुनाव : हमारा चुनावी मुद्दा..बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा
वह जमाना गुजर चुका जब महिलाएं न तो राजनैतिक मुद्दों को समझती थीं और न चुनाव से उनके सीधे सरोकार थे। अब बदलते दौर में वे राजनीति के मायने भी समझने लगी हैं और चुनावी मुद्दों को भी।
मेरठ । वह जमाना गुजर चुका जब महिलाएं न तो राजनैतिक मुद्दों को समझती थीं और न चुनाव से उनके सीधे सरोकार थे। अब बदलते दौर में वे राजनीति के मायने भी समझने लगी हैं और चुनावी मुद्दों को भी। जागरूकता के चलते उन्हें अपने वोट की कीमत का एहसास है। वे मानती हैं कि वोट उसे देंगे, जो करे विकास के काम और जनता को दे मुकम्मल सुरक्षा। सोमवार को नरहड़ा गांव की महिलाओं से उनके मुद्दों पर चुनावी चर्चा की। महिलाओं ने हालांकि, सरकारी योजनाओं की तो सहारना की लेकिन नेताओं से असंतुष्ट नजर आईं। वे विकास भी चाहती हैं लेकिन बेटियों की शिक्षा और महिला सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है।
उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं
गांव निवासी पूनम, मीनू और तनु ने चुनावी चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि गांव में दो सरकारी स्कूल सिर्फ आठवीं कक्षा तक हैं। ऐसे में गांव की बेटियों को आगे की पढ़ाई करने के लिए शहर जाना पड़ता है। अगर गांव में ही इंटर कालेज और डिग्री कालेज खुल जाए तो लड़कियों को काफी सहूलियत हो जाएगी। हम चाहते हैं कि आने वाली सरकार बेटियों की शिक्षा की तरफ ध्यान दे।
नहीं मिली पेंशन
धनवंती और जयमाली कहती हैं, गांव की महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रही हैं, लेकिन कुछ महिलाओं की पेंशन काफी प्रयास के बावजूद शुरू नहीं हो सकी। यदि पेंशन की व्यवस्था हो जाती तो इन महिलाओं को बड़ा सहारा मिलता। दोनों कहती हैं, हम ऐसा नेता चाहते हैं जो सभी के लिए काम करे।
महिला सुरक्षा जरूरी
महिलाएं कहती हैं कि पहले के मुकाबले पिछले कुछ सालों में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसके बावजूद समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते रहे है, जब महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। पुलिस को और सख्त होना चाहिए। साथ ही नियम-कानून इतने सख्त होने चाहिए ताकि महिलाएं हर जगह खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।