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गंभीर रूप से बीमार 80 फीसद बच्‍चे इलाज के लिए वेटिंग लिस्‍ट में Meerut News

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हुए परीक्षण में गंभीर रूप से बीमार मिले अस्सी फीसद बच्चे उपचार का इंतजार कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में इन बच्‍चाेें का इलाज नहीं हो पा रहा है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 09:58 AM (IST)
गंभीर रूप से बीमार 80 फीसद बच्‍चे इलाज के लिए वेटिंग लिस्‍ट में  Meerut News
गंभीर रूप से बीमार 80 फीसद बच्‍चे इलाज के लिए वेटिंग लिस्‍ट में Meerut News
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हुए परीक्षण में गंभीर रूप से बीमार मिले अस्सी फीसद बच्चे उपचार का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद मेरठ मेडिकल कॉलेज ने उपचार को तवज्जो नहीं दी। दिल्ली के और अलीगढ़ मेडिकल कालेजों में उपचार के लिए वेटिंग का रोग मेरठ को भी लग गया है।
जटिल रोगों से ग्रस्त 1012 बच्चे
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 2014 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम शुरू हुआ। इसमें नवजातों का प्रसव केंद्र और 06-19 साल के बच्चों के स्वास्थ्य का स्कूलों में परीक्षण किया गया। 38 बीमारियों की कसौटी पर सेहत परखी गई। डेढ़ माह पहले मेरठ के 12 ब्लाकों में जटिल रोगों से ग्रस्त 1012 बच्चों को हायर सेंटर रेफर किया गया।
वजन और खून में पाई गई कमी
80 फीसद से ज्यादा बच्चे या तो हायर सेंटर पहुंचे ही नहीं या उन्हें इलाज की प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया। ये बच्चे पैदाइशी हार्ट डिसीज, न्यूरो, स्किन, आथरे एवं हार्मोन्स डिसआर्डर से लेकर स्केबीज, कटे होठ, पैरों व आंखों में टेढ़ापन जैसी बीमारियों की गिरफ्त में हैं। काफी बच्चों में वजन एवं खून की कमी भी पाई गई। 25 फीसद बच्चों में स्किन का संक्रमण मिला।
ब्लाक रेफर    बच्चे   प्रतीक्षारत
सरूरपुर        47        27
सरधना       152     126
दौराला        98       52
खरखौदा     298      211
जानी         48         35
भावनपुर    23        18
माछरा      52         07
परीक्षितगढ़  98      84
भूड़बराल     80       80
रोहटा         25       22
भावनपुर     11       11
हस्तिनापुर  80       44
कुल           1012    727
ये हैं सेहत के हालात
48 फीसद बच्चे पांच साल की उम्र के अनुवांशिक रूप से कुपोषित हैं
43 फीसद बच्चों का वजन कम मिला है
70 फीसद बच्चों में है खून की कमी है
इनका कहना है
मेडिकल कालेज में मरीजों की भारी भीड़ की वजह से वेटिंग मिल रही है। अलीगढ़ मेडिकल कालेज एवं एम्स नई दिल्ली में भी इंतजार करना पड़ रहा है।
- डा. राजकुमार, सीएमओ 

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