E Rickshaw In Meerut: पर्यावरण के मित्र नहीं, शत्रु बनते जा रहे हैं ई रिक्शा, घटिया बैट्री से आबो-हवा पर बुरा असर
देखा जाए तो ई-रिक्शा की शुरुआत पर्यावरण संरक्षण के लिए किया गया था लेकिन अब ये खतरा बनते जा रहे हैं। घटिया बैट्री से आबो-हवा पर बुरा असर पड़ रहा है। आठ साल पहले आरटीओ में शुरू हुआ था पंजीकरण। कई जगहों पर सस्ती बैट्री बनाने का काम चल रहा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। E rickshaws मेरठ में ई-रिक्शा का संचालन पर्यावरण संरक्षण के लिए किया गया था, लेकिन अब ये ही खतरा बनते जा रहे हैं। घटिया बैट्री से आबो-हवा पर बुरा असर पड़ रहा है। यहां तक की मिट्टी तक प्रदूषित हो रही है। खराब बैट्री को दोबारा कामयाब बनाने के लिए या जलाने से पर्यावरण मं खतरनाक लेड धातु का प्रदूषण फैलता है। वर्तमान में आठ हजार से ज्यादा पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, तो इससे दोगुनी अवैध रूप से दौड़ रही हैं।
चार बैट्री का सेट
एक ई-रिक्शा में चार बैट्री का सेट लगता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि करीब 20 हजार ई-रिक्शा के लिए 80 हजार बैट्री की जरूरत है। लगातार बैट्री खराब होती हैं और उनको या तो बदलना पड़ता है या फिर सही कराना पड़ता है। सही कराना सस्ता पड़ता है, जो प्रदूषण के लिए खतरनाक होता है। जबकि बदलने के लिए कंपनी की बैट्री पर 50 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। सस्ती बैट्री 20 से 30 हजार में आ जाती है। यह छह से आठ माह में खराब हो जाती है।
शहर में कई जगह बन रहीं बैट्री
सूत्रों की मानें तो ई-रिक्शा में प्रयोग की जा रही घटिया किस्म की बैट्री शहर में कई जगह बन रही हैं। इसमें हापुड़ रोड, लिसाड़ी गेट, श्याम नगर, गंगानगर और लालकुर्ती क्षेत्र आदि शामिल हैं।
इस तरह हवा में फैलता है प्रदूषण
स्थानीय स्तर पर अवैध रूप से बैट्री को ठीक करने या बैट्री बनाने वाले व्यापारी ही पुरानी बैट्री खरीदते हैं। फिर उसे गलाने के बाद उसमें से लेड की प्लेट अलग कर ली जाती है। प्लास्टिक कवर, लेड प्लेट के साथ ही वायर बाक्स व सल्फ्यूरिक एसिड आदि लगाकर नई बैट्री तैयार कर दी जाती है। पुरानी बैटरी को गलाने की प्रक्रिया करने के दौरान खतरनाक लेड धातु के कण मिट्टी और हवा में घुल जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।
खबर का असर, चलाया गया अभियान
नई-रिक्शा को लेकर चल रहे अभियान के बाद रविवार को ट्रैफिक पुलिस ने शहर में जगह-जगह कार्रवाई की। इस दौरान अवैध रूप से दौड़ रहे ई-रिक्शा का चालान और सीज किया। नाबालिगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। हापुड़ अड्डा चौराहे पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतेंद्र राय ने चालान काटे। उन्होंने बताया कि अभियान जारी रहेगा। रविवार को साढ़े पांच सौ से अधिक ई-रिक्शा पर कार्रवाई हुई।
इनका कहना है
अवैध रूप से दौड़ रही ई-रिक्शा के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाएगा। नाबालिग चालकों के साथ ही बिना नंबर प्लेट और अधिक सवारी ढोने वाले चालकों पर नजर रहेगी। इस दौरान आरटीओ की भी मदद ली जाएगी।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक
नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे ई रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रवर्तन शाखा इसके लिए सात दिनों का चेकिंग अभियान चलाएगा।
- कुलदीप सिंह, एआरटीओ प्रशासन