निलंबन के तनाव में दारोगा ने जहर खाकर जान दी, स्वजन ने अस्पताल पर उतारा गुस्सा
मूलरूप से संभल जिले के एंचौला गांव निवासी 30 वर्षीय मिक्की मियां उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा थे। वर्तमान में उनकी तैनाती हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ थाने में थी।
मेरठ, जेएनएन। मूलरूप से संभल जिले के एंचौला गांव निवासी 30 वर्षीय मिक्की मियां उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा थे। वर्तमान में उनकी तैनाती हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ थाने में थी। स्वजन के अनुसार पिछले दस महीने से वह निलंबित चल रहे थे। इसी तनाव के चलते उन्होंने मंगलवार को जहरीला पदार्थ खा लिया था। शनिवार तड़के इलाज के दौरान न्यूटिमा हास्पिटल में मौत हो गई। स्वजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।
मृतक के भाई फैसल ने बताया कि मिक्की मियां स्वजन के साथ हापुड़ में ही रहते थे। मंगलवार को जहर खाने के बाद स्वजन उन्हें हापुड़ स्थित निजी अस्पताल में ले गए थे। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें न्यूटिमा हास्पिटल में रेफर कर दिया। शनिवार तड़के मौत होने पर हास्पिटल स्टाफ ने उन्हें 70 हजार रुपये का और बिल थमा दिया। स्वजन ने मृतक के मित्र शास्त्री नगर एल ब्लॉक चौकी इंचार्ज पवन गंगवार और हापुड़ से दारोगा अजहर खान को भी बुला लिया। शव नहीं देने पर हास्पिटल में स्वजन ने जमकर हंगामा किया। हालांकि मेडिकल पुलिस ने स्वजन को समझाकर शांत कराया।
तीन दिन में 3.70 लाख का बिल, नहीं बची जान
भाई फैसल ने बताया कि मंगलवार को मिक्की मियां को न्यूटिमा हास्पिटल में भर्ती कराया था। तीन दिन में हास्पिटल ने 3.70 लाख हजार रुपये का बिल बना दिया। आरोप है कि डाक्टरों की लापरवाही के चलते मिक्की मियां की जान गई। इसी वजह से उनका गुस्सा फूट और हंगामा किया। हंगामे के बाद हास्पिटल ने 70 हजार रुपये छोड़ दिए और शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया।
इनका कहना-
70 हजार रुपये के बिल को लेकर स्वजन ने हास्पिटल में हंगामा किया था। लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं।
डा. ए रेड्डी, सुपरिटेंडेंट, न्यूटिमा हास्पिटल