मेरठ: खराब माली हालात के चलते दूधमुंहे बच्चे को दंपती को गोद दिया, नौ माह बाद जागी मां की ममता
मेरठ में एक महिला ने खराब माली हालात के चलते नौ माह पहले दूधमुंहे बच्चे को परवरिश के वास्ते एक दंपती को दिया था लेकिन दंपती ने गोदनामा होने का हवाला देकर बच्चे को देने से इन्कार कर दिया।
मेरठ, जेएनएन। मां अपनी ममता लुटाकर प्रेम और स्नेह का एहसास कराती है, लेकिन कभी-कभी आर्थिक विषमताएं उसकी ममता की परीक्षा भी लेती हैं। एक महिला ने खराब माली हालात के चलते नौ माह पहले दूधमुंहे बच्चे को परवरिश के वास्ते एक दंपती को दिया था लेकिन दंपती ने गोदनामा होने का हवाला देकर बच्चे को देने से इन्कार कर दिया।
यह है मामला
ब्रह्मपुरी थानाक्षेत्र के खत्ता रोड निवासी नसरीन पत्नी रियाजुद्दीन के मुताबिक, वह चमन कालोनी स्थित डा. समीर से दवाई लेने जाती थी। समीर ने नसरीन की मुलाकात हापुड़ की सिम्भावली बक्सर निवासी अंजुम पत्नी जहीर से कराई। शादी के 15 साल बाद भी उक्त दंपती के कोई औलाद नहीं थी। आर्थिक समस्या होने की वजह से नसरीन ने अपना बच्चा दंपती को देने का फैसला किया।
दूधमुंहे बच्चे को दिया था गोद, महिला ने गोदनामे को बताया फर्जी
जनवरी में नसरीन ने बेटे को जन्म दिया। डिलीवरी के दूसरे दिन दुधमुंहे बच्चे को जहीर अपने साथ ले गए। उनका कहना है कि इसकी एवज में नसरीन की आर्थिक सहायता भी की थी। उन्होंने गोदनामा बनवाकर बच्चे की परवरिश शुरु कर दी। एक सप्ताह पहले अचानक नसरीन की ममता जाग गई और वह बच्चे को लेने हापुड़ पहुंच गई। इसे लेकर जहीर व नसरीन में कहासुनी हुई और मामला थाने तक पहुंच गया।
महिला का आरोप है कि जहीर ने डा. समीर व जाहिद के साथ मिलकर धोखाधड़ी से गोदनामे के दस्तावेज बनवाए हैं। उन्होंने बच्चे को परवरिश के लिए दिया था। सीओ ब्रह्मपुरी अमित राय का कहना है कि अभी बच्चा जहीर के पास है। नसरीन गोदनामे को फर्जी बता रही है, जिसकी जांच चल रही है।