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प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मिलेगा कृषि उत्पादों का मिलेगा वाजिब दाम

केंद्र सरकार का कहना है कृषि विधेयक से कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा। कृषि विधेयक देश के किसानों के हित में क्रांतिकारी साबित होंगे। अन्नदाता आर्थिक रूप से सशक्त होगा। इससे किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी।

By Edited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 08:09 AM (IST)
प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मिलेगा कृषि उत्पादों का मिलेगा वाजिब दाम
कृषि विधेयक से कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा।

मेरठ, जेएनएन। केंद्र सरकार का कहना है कृषि विधेयक से कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा। कृषि विधेयक देश के किसानों के हित में क्रांतिकारी साबित होंगे। अन्नदाता आर्थिक रूप से सशक्त होगा। इस बदलाव के जरिए किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी, जिससे अच्छा वातावरण पैदा होगा और दाम भी बेहतर मिलेंगे। सरकार का कहना है कि इस विधेयक से किसान अपनी उपज देश में कहीं भी, किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेच सकते हैं। विधेयक में कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी मंडियों) के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था होगी, जिसके जरिये सरकार एक देश, एक बाजार की बात कर रही है। इसके अलावा सरकारी खरीद एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूर्व की भांति जारी रहेगी।

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विकल्प खुलने से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

पवन कुमार ढाई हेक्टेयर में जैविक खेती कर विशेष पहचान बनाने वाले मवाना ब्लॉक के राफन निवासी प्रगतिशील किसान पवन कुमार का कहना है कि निश्चित रूप से नए विधेयकों के कारण प्रतिस्पर्धात्मक माहौल पैदा होगा। जिससे किसानों को वाजिद दाम मिलने की संभावना पहले से कहीं अधिक प्रबल होगी। मंडियों में इंफ्रॉस्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जितने विकल्प खुले होंगे, उतनी ही प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

किसान को मंडी परिधि से आजादी

रोबिन त्यागी आठ एकड़ में गन्ना, गेहूं, सरसों व जैविक सब्जियां और फलों की खेती करने वाले प्रगतिशील युवा किसान रोबिन त्यागी कहते हैं कि मंडी की परिधि में किसान अब तक बंधा था। नए कानून किसान को आजादी दिलाने वाले होंगे। इससे मंडी खत्म नहीं होंगी। राज्य मंडियों में आय बढ़ाने योग्य प्रतिस्पर्धा व सुविधाजनक इंफ्रॉस्ट्रक्टर बनाएंगे तो मंडियों की आय बनी रहेगी। चूंकि नए कृषि सुधार कानून स्वतंत्र व खुले कारोबार से संबंधित होंगे। ऐसे में इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। एमएसपी के लाभ मिलते रहेंगे। एमएसपी के नीचे व्यापार करने पर भी प्रतिबंध हो तो ज्यादा बेहतर है।


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