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मेरठ में नशे का कोराबार : वाट्सएप पर ऑर्डर, आरोपितों ने बताया-कहां और किसको करते थे सप्‍लाई

लालकुर्ती में पकड़े गए नशे के सौदागारों ने चौंकाने वाली बातें बताई हैं। उनके अनुसार शहर के कई बड़े घरानों नेताओं तथा अफसरों के घर पर भी गांजा और चरस की पुडिय़ा पहुंचाई जाती है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:15 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:25 AM (IST)
मेरठ में नशे का कोराबार : वाट्सएप पर ऑर्डर, आरोपितों ने बताया-कहां और किसको करते थे सप्‍लाई
मेरठ में नशे का कोराबार : वाट्सएप पर ऑर्डर, आरोपितों ने बताया-कहां और किसको करते थे सप्‍लाई

मेरठ, जेएनएन। लालकुर्ती में शनिवार को छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में पकड़े नशीले पदार्थों के सौदागारों ने जो राजफाश किए, वे चौंकाने वाले हैं। मेरठ में सतेंद्र और राजू ने नशे के धंधे में बड़ा संजाल खड़ा कर लिया है। वाट्सएप पर ऑनलाइन आर्डर लेकर घरों और हॉस्टलों में होम डिलीवरी दी जाती है। इसका अतिरिक्त चार्ज है। शनिवार को लालकुर्ती में पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि बड़े पैमाने पर नशे का धंधा चल रहा है। उन्होंने ब्रह्मपुरी, नौचंदी और मेडिकल क्षेत्र में भी नशे का धंधा करने वाले कई लोगों के नाम बताए हैं। बताया कि शहर के कई बड़े घरानों, नेताओं तथा अफसरों के घर पर भी गांजा और चरस की पुडिय़ा पहुंचाई जाती है। सतेंद्र और राजू के वाट्सएप नंबर पर ही आर्डर आता है। दोनों की धरपकड़ के बाद कई ओहदेदार बेनकाब होंगे।

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अन्‍य शहरों में भी सप्‍लाई

पुलिस की पूछताछ में नशे के सौदागरों ने बताया कि शहर में करीब 20 से ज्यादा ऐसे खोखे हैं, जहां पर वे भांग, चरस और गांजा की सप्लाई करते थे। हर माह पांच कुंतल भांग, सौ किलो गांजा और पांच किलो चरस की खपत शहर के अंदर है। इसके अलावा अन्य राज्यों और जनपदों में सप्लाई दी जाती है। बागपत, गाजियाबाद, हरियाणा और उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून में भी सप्लाई की जाती है। हर माह सतेंद्र और राजू के गोदाम में ट्रक से माल उतरता है। यहां से पैक होने के बाद शहर की 20 दुकानों पर पहुंचा दिया जाता है। कुछ ग्राहक तो रोजाना वाले हैं। उन तक शाम के समय पुडिय़ा पहुंचा दी जाती है।

लॉकडाउन में बढ़ गई थी मांग

रतन और राजकुमार ने बताया कि लॉकडाउन में अचानक चरस, गांजा तथा भांग की मांग बढ़ गई थी। उस समय कई वीआइपी कालोनी में भी नशे की सप्लाई पहुंचाई गई थी। उनका कहना है कि शराब पीने वालों ने भी चरस और गांजे का नशा करना शुरू कर दिया था। इसके बाद से नशे की खेप बढ़ा दी गई थी।


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