डीआरएम बोले, डेढ़ माह में पूरा होगा रेल ट्रैक दोहरीकरण का काम Meerut News
दिल्ली से विशेष ट्रेन से डीआरएम डिवीजन आपरेशनल मैनेजर और डिवीजनल कामर्शियल मैनेजर के साथ शामली बागपत टपरी मुजफ्फरनगर स्टेशन गए और रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया।
मेरठ, जेएनएन। रेलवे ट्रैक दोहरीकरण का निरीक्षण कर सिटी स्टेशन आए दिल्ली डिवीजन के रेल प्रबंधक एससी जैन ने अगले दो-तीन माह में कई मूलभूत सुविधाओं के शुरू होने का आश्वासन दिया। हालांकि स्टेशन पर यात्रियों की मुख्य सुविधाओं जैसे- कोच डिस्प्ले सिस्टम और इलेक्टिानिक ट्रेन इनफार्मेशन बोर्ड को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है। पत्रकारों के पूछने पर डीआरएम ने यह समस्याएं संज्ञान में न होने की बात कही।
इन स्थानों का किया निरीक्षण
मंगलवार को दिल्ली से विशेष ट्रेन से डीआरएम, डिवीजन आपरेशनल मैनेजर और डिवीजनल कामर्शियल मैनेजर के साथ शामली, बागपत, टपरी, मुजफ्फरनगर स्टेशन गए और रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया। शाम पौने पांच बजे वह सिटी स्टेशन पहुंचे। पत्रकारों से बात करते हुए डीआरएम एससी जैन ने कहा कि दोहरीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। मुजफ्फरनगर से देवबंद के बीच 22 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण कार्य अगले डेढ़ माह में पूरा हो जाएगा। मुजफ्फरनगर स्टेशन की नई इमारत बन रही है। देवबंद से टपरी के बीच अगले चार माह में दोहरीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा। यह कार्य हो जाने से दिल्ली से सहारनपुर के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
भोजनालय को जल्द शुरू करने के निर्देश
डीआरएम ने कहा कि मेरठ सिटी स्टेशन को आइएसओ सर्टिफिकेशन मिल गया है। मोदीनगर को भी मिला है। कैंट स्टेशन स्थित रेलवे कालोनी में सफाई कार्य का टेंडर हो गया है। उन्होंने कहा कि सिटी स्टेशन पर टेंडर की प्रक्रिया एक से डेढ़ माह में पूरी हो जाएगी। बताते चलें कि सिटी स्टेशन पर निजी कंपनी का टेंडर समाप्त हो गया है। 36 की जगह केवल नौ कर्मचारी सफाई कर रहे हैं। रेल की जमीन पर बने पिंक टायलेट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मुस्करा कर बात को टाल दिया। चार माह से भोजनालय बंद होने की बाबत पूछे जाने पर मौके पर मौजूद अधिकारियों को इसे जल्द शुरू कराने के निर्देश दिए।
व्यापारियों ने गिनाईं समस्याएं
इसके पहले डीआरएम ने रेलवे से माल परिवहित करने वाले व्यापरियों के साथ बैठक की। डीआरएम ने बताया कि मेरठ-सहारनपुर सेक्शन रेलवे से माल भेजने वाले उद्यमियों से उनको होने वाली समस्याओं को लेकर वार्ता की गई। व्यापारियों ने लोडिंग, अनलोडिंग और पानी आदि की समस्याएं बताई हैं जिसका निस्तारण कर दिया जाएगा। इस अवसर पर स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा, सीएमआइ आरएन प्रसाद, डिवीजनल इंजीनियर श्याम सिंह, सीनियर सेक्शन इंजीनियर तरुण पांडे, ट्रैफिक निरीक्षक उपेंद्र सिंह, बिलेंद्र आदि मौजूद रहे।
यूरोप निर्यात होने वाली चीनी को कैसे मालगाड़ी में भेज दें
आय बढ़ाने के लिए अधिकारी उद्यमियों को अधिक माल रेल के माध्यम से भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। मीटिंग में चीनी मिलों के कई प्रतिनिधि आए। एक मिल के प्रतिनिधि ने कहा कि हमारी चीनी यूरोप में निर्यात होती है। बंदरगाह तक ले जाने के लिए कंटेनर में रख कर विशेष पैकिंग में चीनी भेजी जाती है। रेल यातायात सस्ता तो है, लेकिन रेलवे के वैगन उतने साफ सुथरे नहीं होते। उन्हीं वैगन में सीमेंट आता है उसी में निर्यात होने वाली चीनी को कैसे भेजा जाए। इस तरह की कई समस्याओं से व्यापारियों ने डीआरएम को अवगत कराया।
डीआरएम की लोकेशन को लेकर घनघनाते रहे फोन
डीआरएम और उनके साथ रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का अमला रेल बस से आया था। संगम एक्सप्रेस जो प्लेटफार्म नंबर दो से जाती है, ट्रेन को अमूमन पांच बजे प्लेटफार्म पर प्लेस कर दिया जाता है। शाम 6.10 बजे तक डीआरएम की बैठक चलती रही। एक नंबर पर रेल बस खड़ी होने से संगम एक्सप्रेस को प्लेटफार्म नंबर दो पर शंटिंग कर नहीं लाया जा सका। ऐसे में यार्ड में खड़ी ट्रेन को प्लेटफार्म पर लाने के लिए स्टाफ बार-बार स्टेशन अधीक्षक से संपर्क करता रहा। लगभग सवा छह बजे जब डीआरएम रेल बस से रवाना हुए तब संगम एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर लाया गया। इस प्रक्रिया में ट्रेन 10 मिनट लेट भी हो गई। रेल-बस के रवाना होते ही स्टेशन की लाइट चली गई।