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पांच अंकों में वेतन, चार पहियों की गाड़ी का सपना देखता है देश का युवा

भारत केयुवा की सोच पांच अंकों में वेतन, चार पहियों की गाड़ी, तीन बेडरूम का घर, दो बच्चे और एक बीवी तक है। इससे देश का भला नहीं हो सकता। युवाओं को आकांक्षावान भारत के हिसाब से सोचना होगा। यह कहना है राज्यसभा सदस्य और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्र बुद्धे का। जो चौ. चरण सिंह विवि में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और अखिल भारतीय राजनीति विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 09:00 AM (IST)
पांच अंकों में वेतन, चार पहियों की गाड़ी का सपना देखता है देश का युवा
पांच अंकों में वेतन, चार पहियों की गाड़ी का सपना देखता है देश का युवा

मेरठ । भारत केयुवा की सोच पांच अंकों में वेतन, चार पहियों की गाड़ी, तीन बेडरूम का घर, दो बच्चे और एक बीवी तक है। इससे देश का भला नहीं हो सकता। युवाओं को आकांक्षावान भारत के हिसाब से सोचना होगा। यह कहना है राज्यसभा सदस्य और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्र बुद्धे का। जो चौ. चरण सिंह विवि में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और अखिल भारतीय राजनीति विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में दो दिवसीय कांफ्रेस के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता डा. विनय ने कहा कि आज के युवा की सोच स्पष्ट है। वह विश्वास से लबरेज है। सही और गलत की उसे पहचान है। वह त्वरित परिणाम की अपेक्षा रखता है। अमीर होना कोई अपराध बोध नहीं है, गरीबी को समझना और उसे समाप्त करना अच्छी बात है। मुख्य अतिथि यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि हम दुनिया को रास्ता दिखा सकते हैं, हम पुरानी बातों से सीखें और वर्तमान को देखकर भविष्य की योजना तैयार करें। पुराने और नए समागम से ही भविष्य का रास्ता निकलेगा। मूल्यपरक शिक्षा हमारा आधार रही है। इसीलिए भविष्य का भारत दुनिया को राह दिखा सकता है।

कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि भारत सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जो लोगों को प्रभावित करती हैं। संयोजक प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने इप्सा की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इप्सा के अध्यक्ष प्रो. जुगल किशोर मिश्र, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. के जय प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित किया। सासद राजेंद्र अग्रवाल, प्रो. सुषमा यादव, प्रो. वाई विमला, प्रो. होशियार सिंह, प्रो. सीवी राघाबुलु, प्रो. बीरपाल, कुलदीप उज्ज्वल सहित एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 11 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हैं सांसद- मंत्री

राज्यसभा सदस्य डा. विनय ने कहा कि आज भी कोई सासद या मंत्री संसद में अपना प्रस्तुतीकरण पावर प्वाइंट के माध्यम से नहीं दे सकता। हमारा लोकतंत्र चुनाव तक ही सीमित है। राजनीति विज्ञान विषय और व्यवहारिक राजनीति में संबंध नहीं है।

सम्मानित हुए विद्वान

केंद्रीय विवि के प्रो. रामा ब्रह्माम, केंद्रीय विवि हैदराबाद को राष्ट्रीय वरिष्ठ राजनीति विज्ञान अवॉर्ड, डा. अरहा जोधपुर विवि को राष्ट्रीय युवा राजनीतिक विज्ञान अवॉर्ड, प्रो. सुनील कुमार चौधरी दिल्ली यूनिवर्सिटी, प्रो. जी राम रेड्डी, प्रो. अजय कुमार दुबे जेएनयू दिल्ली को अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय सम्मान दिया गया। 13 पुस्तकों का विमोचन किया गया।

सांस्कृतिक धरोहर वाला देश

दूसरे सत्र में परिषद के अध्यक्ष होशियार सिंह ने कहा कि भारत सास्कृतिक धरोहर वाला देश है, जिस कारण हमारे यहा निरंतर गतिशीलता है। सीवी राघवुलु ने कहा कि उदारीकरण के बाद भारत में विदेशी निवेश बढ़ा। जिससे सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव हुआ।

शाम को कलाकारों ने समां बांधा

शनिवार को देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रोफेशनल कलाकारों ने अपने नृत्य और गीतों से सभी प्रतिनिधियों का मनोरंजन किया।


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