Door To Door Corona Test: मेरठ में घर-घर कोरोना मरीजों की पहचान के लिए अभियान की शुरुआत,12 तक चलेगा पायलट प्रोजेक्ट
Fight Against Corona मेरठ मंडल में कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए गुरुवार से विशेष अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर मरीजों की खोजबीन की।
मेरठ, जेएनएन। Door To Door Corona Test मेरठ मंडल में कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए गुरुवार से विशेष अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर मरीजों की खोजबीन की। सभी सदस्यों का थर्मो स्कैन किया गया। मंडल में पायलट प्रोजक्ट के रूप में यह अभियान सबसे पहले शुरू किया जा रहा है। पांच जुलाई से यह पूरे प्रदेश में चलेगा।
एक टीम प्रतिदिन 50 घरों का सर्वेक्षण करेगी
गौरतलब है कि मेरठ समेत सभी जिलों में बुधवार से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ हो चुका है। दो जुलाई से मेरठ मंडल में कोविड-19 के मरीज खोजने के लिए भी अभियान शुरू हो रहा है। 12 जुलाई तक घर-घर जाकर टीमें कोरोना-19 के संदिग्ध मरीजों की पहचान करेंगी। एक टीम प्रतिदिन 50 घरों का सर्वेक्षण करेगी।
सर्वे के लिए 1400 टीमें बनायीं
सर्वे के लिए जिले में कुल 14 सौ टीमें बनायी गई हैं। इनकी सुरक्षा के लिए संबंधित थानों को भी सूचित किया जाएगा। टीम के सदस्य अपने कार्यालय के संपर्क में भी रहेंगे।
लक्षण मिलने पर कराई जाएगी जांच
सर्वे के दौरान कोरोना लक्षण मिलने वाले मरीजों की जांच करायी जाएगी। पॉजिटिव आने वालों को आइसोलेशन में भर्ती कराया जाएगा।
यह बोले सीएमओ
सीएमओ डा. राजकुमार ने लोगों से अपील की कि टीम का पूरा सहयोग करें। कहीं भी अवरोध पैदा न करें। सहयोग करने पर ही हम ज्यादा से ज्यादा कोरोना संदिग्ध मरीजों को खोजकर उनका इलाज करा पाएंगे।
घर-घर सर्वे अभियान में न छूटे कोई संदिग्ध मरीज
नोडल अधिकारी व आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने बुधवार को नोडल अधिकारी पवन कुमार के साथ लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। कोविड-19 संक्रमित मरीजों से फोन पर बातचीत कर हालचाल जाना। दो जुलाई से कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए शुरू हो रहे अभियान की समीक्षा सीएमओ कार्यालय में की। उन्होंने कहा कि अभियान में कोरोना का कोई भी संदिग्ध मरीज नहीं छूटना चाहिए।
संक्रमित मरीज को अच्छा इलाज हो
गुरुप्रसाद ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को भी सरकार की मंशा के अनुरूप काम करना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि संक्रमित मरीज को अच्छा इलाज और समय से भोजन मिले। चिकित्सकों से कहा कि भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में उनके तीमारदारों को प्रतिदिन जानकारी दी जाएगी। प्रधानाचार्य डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि अब तक मेडिकल कॉलेज से 300 मरीजों को ठीक कर उन्हें घर भेजा जा चुका है। वर्तमान में कोविड वार्ड में 89 मरीज हैं।