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मेरठ मेडिकल कॉलेज से 15 डाक्टर रिलीव, पर ज्वाइन करने के मूड में नहीं

मेरठ मेडिकल कॉलेज से तबादला किए गए डॉक्टरों को रिलीव कर दिया गया है, लेकिन अभी डाक्टरों ने नए अस्पताल में ज्वाइन नहीं किया है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 03:43 PM (IST)
मेरठ मेडिकल कॉलेज से 15 डाक्टर रिलीव, पर ज्वाइन करने के मूड में नहीं
मेरठ मेडिकल कॉलेज से 15 डाक्टर रिलीव, पर ज्वाइन करने के मूड में नहीं

मेरठ (जेएनएन)। शासन के निर्देश पर लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने 15 डाक्टरों को सोमवार को रिलीव कर दिया। इनमें से 11 को सहारनपुर मेडिकल कालेज में ज्वाइन करना है, जबकि चार अन्य को बांदा समेत अन्य नए कैंपसों में भेजा गया है। उधर, तबादला होने के बाद किसी भी डाक्टर ने नए कैंपस से संपर्क नहीं साधा है। ज्यादातर अवकाश पर चले गए हैं। इसके साथ ही फैकेल्टी में 35 फीसद कमी से मेरठ मेडिकल कालेज की 150 सीटों पर रोक लग सकती है।

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मेडिकल से भी गए..वहां भी नहीं पहुंचे

एलएलआरएम से सर्वाधिक 15 डाक्टरों का तबादला किया गया था, जिसमें 11 को सहारनपुर मेडिकल कालेज भेजा गया। इसमें मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डा. आभा गुप्ता, फार्माकोलोजी विभाग की डा. मोनिका शर्मा, एसपीएम विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. संजीव कुमार, मेडिसिन विभाग के डा. देवेंद्र कुमार, डा. गौरव गर्ग, सर्जरी विभाग के डा. सुनील कंवल, स्किन विभाग के डा. सूरज बली, डा. विशाल अग्रवाल, गायनी विभाग की डा. प्रियंका गुप्ता, एनेस्थीसिया विभाग के डा. नवाब सिंह एवं रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग की डा. यासमीन उस्मानी शामिल हैं। उधर, हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डा. ज्ञानेश्वर टांक को बांदा, एनाटामी विभागाध्यक्ष डा. जीएल निगम एवं बायोकेमेस्ट्री के डा. राजीव नेहरा का जालौन, एनेस्थीसिया विभाग के डा. सुभाष को आजमगढ़ मेडिकल कालेज भेजा गया है। हालांकि इनमें से किसी भी डाक्टर से अब तक संबंधित मेडिकल कालेज में उपस्थिति दर्ज नहीं कराया है। माना जा रहा है कि क्लीनिकल डाक्टर ज्वाइन करने में दिलचस्पी नहीं लेंगे।

एमसीआइ के छापे से हड़कंप

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम ने सोमवार को एक साथ सहारनपुर, जालौन, बांदा एवं आजमगढ़ मेडिकल कालेजों में छापा मारा तो शासन तक हड़कंप मच गया। इसकी चर्चा प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में पहुंची, और गत दिनों तबादला किए गए डाक्टरों को संबंधित प्रधानाचार्यो ने रिलीव कर दिया। शासन ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर एमसीआइ के मानकों को पूरा करने के लिए कहा था। इसी कड़ी में शासन ने नए मेडिकल कालेजों में फैकेल्टी पूरी करने के लिए बड़े पैमाने पर डाक्टरों का तबादला किया था। किंतु सोमवार को डाक्टरों के ज्वाइन करने से पहले एमसीआइ ने निरीक्षण कर शासन को बड़ा झटका दे दिया। तमाम मेडिकल कालेज की मान्यता खतरे में पड़ गई है।

इन्होंने कहा

सभी डाक्टरों को रिलीव कर दिया गया है, जिन्हें तत्काल नए कैंपस में ज्वाइन करना होगा। हालांकि इसमें से कई अवकाश पर चले गए हैं। किसी ने संपर्क नहीं साधा है। यहां से 11 सहारनपुर भेजे गए हैं।

-डा. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज 


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