नई गाइडलाइन हुई जारी, अब मरीजों के घर जाकर डॉक्टर करेंगे इलाज Meerut News
सीएमओ ने बताया कि शासन की गाइडलाइन इसके लिए निजी चिकित्सालयों को रोजाना निर्धारित घंटों के लिए खोलना अनिवार्य होगा। साथ ही घर-घर जाकर लोगों का इलाज भी करेंगे।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के खौफ के बीच निजी अस्पतालों ने आम मरीजों के लिए भी दरवाजा बंद कर लिया है, जिस पर शासन ने संज्ञान लेते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। निजी डाक्टरों का फोन नंबर आम लोगों के बीच उपलब्ध होगा। जरूरत पड़ी तो चिकित्सक को होम विजिट कर मरीज को देखना होगा। हालांकि ओपीडी खोलने पर रोक लगी रहेगी।
बता दें कि कुछ निजी चिकित्सकों द्वारा इमरजेंसी सेवाएं भी ठीक से नहीं देने और मरीजों से जानबूझकर दूरी बनाने की शिकायत शासन तक पहुंची थी। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि शासन ने 31 मार्च को शासनादेश जारी कर स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन की वजह से आम मरीजों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस विषय पर डीएम, सीएमओ और प्राइवेट डाक्टरों के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है। शनिवार को सीएमओ और आइएमए अध्यक्ष डा. एनके शर्मा के बीच भी बातचीत हुई, जिसमें डा. शर्मा ने भरोसा दिया कि चिकित्सक अस्पतालों में इमरजेंसी में ओपीडी के मरीजों को देखेंगे। बताया कि कई डाक्टर पूरी सतर्कता के साथ ओपीडी कर रहे हैं। आइएमए के चिकित्सकों ने इस विषय पर आपस में बातचीत कर प्रशासन को सहयोग का भरोसा दिया है।
ये हैं शासन के आदेश
सीएमओ ने बताया कि शासन की गाइडलाइन इसके लिए निजी चिकित्सालयों को रोजाना निर्धारित घंटों के लिए खोलना अनिवार्य होगा।
निजी डाक्टर मरीजों के लिए होम विजिट भी करें।
मरीजों को टेलीफोन पर परामर्श दिया जाए।
प्रशासन अस्पतालों में काम करने वाले डाक्टर, स्टाफ एवं नर्सो का पास बनाए।
सामान्य मरीजों के लिए रूटीन ओपीडी नहीं होगी। सिर्फ इमरजेंसी केस ही देखे जाएं।
प्रशासन निजी चिकित्सकों के फोन नंबर जनता के लिए उपलब्ध कराए।
49 दिन लॉकडाउन ही प्रभावी
आइएमए अध्यक्ष डा. एनके शर्मा ने कहा कि 49 दिनों का लॉकडाउन वायरस के दो चक्र को खत्म कर देता है। कहीं पर 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद पांच दिनों के लिए सब कुछ खोलने एवं 21 दिनों के फिर लॉकडाउन की बात कही गई है। किंतु भारत में एक भी कदम पीछे जाना खाई में जाने के बराबर होगा। जिंदगी है तो सबकुछ है।