बुरा मत मानना..मेरी अंग्रेजी जरा कच्ची है
शंभू नगर निवासी जुही के अंग्रेजी पत्रों का ¨हदी में जवाब देते थे अटल जी।
जासं, मेरठ। मेरठ के शंभूनगर निवासी जुही से अटल जी को विशेष स्नेह था। इसके अंग्रेजी में लिखे पत्र का जवाब ¨हदी में देते थे। अटल जी ने ¨हदी में जवाब देने को लेकर बुरा न मानने के लिए भी स्नेहभरी अपील भी की थी।
शंभूनगर निवासी सुशील कुमार सिंघल (भट्ठे वाले) की बेटी जुही को अटल जी अपनी बेटी की तरह मानते थे। जुही बताती हैं कि वर्ष 1993 से 2002 के बीच उन्होंने वाजपेयी जी को तमाम पत्र लिखे। हर पत्र का जवाब अटल जी ने स्नेह के साथ दिया। जुही के भाई कपिल बताते हैं कि जुही के अंग्रेजी में लिखे एक पत्र का ¨हदी में जवाब देते हुए अटल जी ने लिखा कि ' तुम्हारे अंग्रेजी पत्र का ¨हदी में जवाब दे रहा हूं, इसलिए बुरा मत मानना। मेरी अंग्रेजी कच्ची है'।
हर पत्र में झलका ¨हदी और बेटी का प्रेम
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का ¨हदी और बेटियों के प्रति प्रेम हर पत्र में उमड़ कर सामने आता था। उनके हर पत्र में बेटियों के प्रति असीम प्रेम झलकता था। एक पत्र में उन्होंने लिखा कि ' बेटिया बड़ी प्यारी होती हैं। बेटों से ज्यादा घर का ख्याल करती हैं।'
मेरठ के पास है दिल्ली
मेरठ से लगाव होने के कारण अटल जी अपने पत्रों में यहां अपने शुभचिंतकों और मित्रों को निमंत्रण भी देते थे। एक पत्र में उन्होंने लिखा कि मेरठ दिल्ली के पास है। कभी इधर आना तो जरूर मिलना। जुही ने अपनी शादी का निमंत्रण पत्र भेजकर उन्हें आमंत्रित किया। उन्होंने आशीर्वाद के साथ विशेष तोहफा भी भेजा।
चाय की चुस्की के साथ पूछा हाल
जेल रोड स्थित न्यू आर्यनगर निवासी मधु शंकर शर्मा की यादें भी अटल जी के साथ जुड़ी हुई हैं। मधु बताते हैं कि नानक चंद्र डिग्री कालेज परिसर में नानक चंद्र जी की मूर्ति का अनावरण करने के लिए अटल जी को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के बाद उन्होंने कालेज कार्यालय में बैठकर चाय की चुस्की ली और ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों से मित्रवत हालचाल पूछा। तब मधु के पिता हरि शंकर शर्मा कालेज ट्रस्ट के सचिव हुआ करते थे।