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DME Toll Tax News: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मिलेगी विशेष छूट, 10 यात्राओं पर नहीं देना पड़ेगा एक भी टोल टैक्‍स

अगर आपका वाहन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi- Meerut Expressway) पर रोजाना आवागमन करता है तो आपको एक विशेष छूट मिलेगी। एक महीने में 10 यात्राओं पर टोल टैक्‍स नहीं देना पड़ेगा। टोल वसूली शुरू होते ही यह व्‍यवस्‍था लागू की जाएगी।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 09:49 AM (IST)
DME Toll Tax News: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मिलेगी विशेष छूट, 10 यात्राओं पर नहीं देना पड़ेगा एक भी टोल टैक्‍स
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मिलेगी विशेष छूट ।

जागरण संवाददाता, मेरठ। अगर आपका वाहन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi- Meerut Expressway) पर रोजाना आवागमन करता है, तो आपको एक विशेष छूट मिलेगी। एक महीने में 10 यात्राओं पर टोल टैक्‍स नहीं देना पड़ेगा। टोल वसूली शुरू होते ही यह व्‍यवस्‍था लागू की जाएगी। इसकी सुविधा टोल प्लाजा व आनलाइन व्यवस्था के तहत उपलब्ध हो जाएगी।

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एक्सप्रेस-वे पर रोजाना यात्रा करने वालों के लिए एक महीने का पास बनेगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि इस पास का मतलब होगा कि संबंधित वाहन एक महीने में 60 यात्रा करेगा। प्रतिदिन उसके फास्टैग खाते से धनराशि कटती जाएगी, लेकिन जब एक महीना पूरा हो जाएगा तब उस खाते में 10 यात्रा की धनराशि वापस कर दी जाएगी। इस तरह से सिर्फ 50 यात्रा का ही टोल लिया जाएगा। जब इस तरह का पास लिया जाएगा, उसके वाहन पर लगे फास्टैग में उस पास की कोडिंग डाल दी जाएगी। जब इस तरह के वाहन गुजरेंगे तब आटोमेटिक मशीन उसे फास्टैग कैटेगरी में डाल देगी।

छूट श्रेणी वाले व्यक्तियों का शुल्क चुकाता है एनएचएआइ : कोई भी वाहन एक्सप्रेस-वे से गुजरेगा तो उसको टोल चुकाना होगा। यही व्यवस्था वीआइपी गाड़ियों व एनएचएआइ की सूची में दर्ज छूट प्राप्त लोगों की गाड़ियों के साथ भी रहेगी। फर्क इतना है कि ऐसे वाहनों के फास्टैग अलग तरह के होते हैं या फिर उसमें को¨डग व्यवस्था होती है। इन तरह की गाड़ियों का फास्टैग शुल्क संबंधित कंपनी के खाते में जुड़ता है जिसका भुगतान बाद में एनएचएआइ खुद उस ठेका कंपनी को करता है।

कोई रोकेगा नहीं, मगर शुल्क चुकाना पड़ेगा : अब तक जितने भी एक्सप्रेस-वे व हाईवे हैं उनमें बैरियर उठने व गिरने पर वाहन प्रवेश करते हैं या निकलते हैं। इस एक्सप्रेस-वे में ऐसा नहीं होगा। आने-जाने के समय बैरियर नहीं उठेंगे। बिना रोक-टोक के आप आ जा सकते हैं। लेकिन जैसे ही आपका वाहन टोल प्लाजा या बूथ पार करेगा फास्टैग से राशि अपने आप कट जाएगी। अगर वाहन में फास्टैग नहीं लगा है तो भी आराम से जा सकते हैं, लेकिन घर पहुंचने पर नियम उल्लंघन का चालान पहुंच जाएगा। फिर ट्रैफिक चालान की तरह उसका भुगतान करना पड़ेगा। क्योंकि जीपीएस आधारित तकनीक होगी।

एक्सप्रेस-वे में नहीं होता स्थानीय पास

अगर कोई यह तैयारी करके बैठा है कि हाईवे की तरह उसे भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चलने के लिए स्थानीय पास मिल जाएगा तो वह अभी फास्टैग लगवा ले। क्योंकि एक्सप्रेस-वे की नियमावली में स्थानीय पास की कोई व्यवस्था नहीं है। 


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