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Diwali 2019 : ज्योतिपर्व पर उल्लास के सागर में सराबोर हुआ शहर, आइए प्रकाश को अंतर्मन में उतारें Meerut News

दीपावली को लेकर सप्ताहभर से सज रहे शहर के बाजारों में प्रकाशगंगा बहती नजर आई। ज्‍योतिपर्व को लेकर लोगों में बच्‍चों और बड़ों में खासा उत्‍साह है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 10:15 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 10:15 AM (IST)
Diwali 2019 : ज्योतिपर्व पर उल्लास के सागर में सराबोर हुआ शहर, आइए प्रकाश को अंतर्मन में उतारें Meerut News
Diwali 2019 : ज्योतिपर्व पर उल्लास के सागर में सराबोर हुआ शहर, आइए प्रकाश को अंतर्मन में उतारें Meerut News

मेरठ, जेएनएन। प्रकाश पर्व का इंद्रधनुष जहां अयोध्या के माथे पर जगमग है, वहीं मेरठ के आसमान पर भी मानो तारामंडल उतर आया है। धर्म के पनघट पर पर्व के दीप पूरे उल्लास के साथ लहरा रहे हैं। शहर की नस-नस में पर्व की तरंगों का प्रवाह है। प्रकाश तो आज नगर का धर्म बन गया है। झालरों की ओढ़नी से झांकते नगर के चेहरे पर सौन्दर्य की आभा दमक रही है। आइए, रविवार को दीपावली के दिन प्रकाश को अंतर्मन में उतारें।

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विधिवत पूजन की तैयारी

दीपावली को लेकर सप्ताहभर से सज रहे सदर बाजार में शनिवार को प्रकाशगंगा बहती नजर आई। दुकानों पर रोशनी का बसेरा है तो खरीदारों के चेहरों पर उल्लास का तेज। लक्ष्मी-गणोश की मूर्तियों की खरीद के जरिए जहां विधिवत पूजन की तैयारी है, वहीं आबूलेन में कपड़ों के शोरूम पर नए परिधानों की बिक्री बढ़ी मिली। झालरों की ङिालमिल आबूलेन से लेकर बच्चा पार्क तक साथ-साथ चली। दुकानदारों ने मंदी की चादर को हटाकर उम्मीदों का दीया जला लिया है। गढ़ रोड पर जहां कई स्थानों पर लकड़ी एवं मिट्टी के आकर्षक बर्तनों एवं खिलौनों की दुकानें मिलीं, वहीं शोरूमों में झालरों की भरपूर रौनक है। कहीं लाइटों की लड़ियां भी हैं।

चेहरों पर झलक रहीं खुशियां

हापुड़ रोड चौराहे पर दुकान संचालित करने वाले विकास गिरधर बताते हैं कि आज की खुशी में पूरी अयोध्या दीपों के आभामंडल से देदीप्यमान हो उठी थी। उसी परंपरा की तरंगें मेरठ की गली-गली में बह रही हैं। सभी छोटे-बड़े रास्ते की सफाई की गई और घरों में सफाई और पुताई ऐसी कि हर कोना चमक उठे। घर के बच्चे हों या बड़े सभी इस खास पर्व की खुशी में चार-चांद लगा देने को आतुर दिखाई दिए। धनतेरस से ही पर्व का आगमन हो गया। दरवाजों पर फूल-मालाएं टांग दी गईं तो उसी के साथ लाइटों की लड़ियां भी पिरो दी गईं।

छतों के माथे पर लड़ियों का झूमर

चौखटों के पास रंगोली का पूरा व्याकरण सजा दिया गया है। शास्त्रीनगर में छतों से लटकती रंगीन लाइटों की लड़ियां घर में श्रीराम के पधारने को नतमस्तक रहीं। एक घर, दूसरा और तीसरा घर, इसी तरह से एक क्रम से बने घरों पर टंगी रंगीन लाइटों ने चमकते हुए दीपों की आवली की कमियां पूरी कीं। किसी ने लाइटों में आकृति में लिखवाया दीपावली की शुभकामनाएं तो किसी ने हैप्पी दीवाली। इस रोशनी के बीच शाम को पूजन के आरती की लौ दिखी तो सभी ने उसकी लौ को नमन किया और लक्ष्मी-गणोश व प्रभु श्रीराम को याद किया। धनतेरस से जगमग हुई ये लड़ियां अभी कई दिनों तक शहर को रोशन करती रहेंगी। प्रकाश का यह पर्व तमसो मा ज्योतिर्गमय यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने को तैयार है। आइए हम सब दीपावली में प्रार्थना करें कि दीयों व लाइटों की रोशनी से ही नहीं अपने शहर को ज्ञान व धन-धान्य की समृद्धि से भी रोशन करेंगे। 


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