आयुष्मान के तहत मरीजों की भर्ती में कमी मिलने विभागाध्यक्षों पर होगी सीधी कार्रवाई Meerut News
आयुष्मान योजना को लेकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे की वीडियोकांफ्रेंसिंग में सख्त रुख पर प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता से विभागाध्यक्षों को नोटिस थमा दी है।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। आयुष्मान कार्डधारकों के इलाज को लेकर कटघरे में आए मेडिकल कालेज पर शासन की नजर तिरछी हो गई है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे की वीडियोकांफ्रेंसिंग में सख्त रुख पर अब प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता से विभागाध्यक्षों को नोटिस थमा दी है। आगाह कर दिया है कि आयुष्मान के तहत मरीजों की भर्ती में कमी मिलने पर विभागाध्यक्षों पर सीधी कार्यवाही होगी। उधर, गुरुवार को सर्किट हाउस में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी आयुष्मान पर नाराजगी जताई है।
प्रमुख सचिव ने कहा...अंबेडकर नगर से भी पिछड़ा मेरठ
तीन दिन पहले वीडियोकांफ्रेंसिंग में प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों की समीक्षा की गई। लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में रोजाना सिर्फ दो से तीन मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। गोरखपुर मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग में जहां मरीजों का आंकड़ा 947 पहुंच गया, वहीं मेरठ में सिर्फ 279 मरीज ही भर्ती किए गए। अंबेडकरनगर के नए मेडिकल कालेज से भी मेरठ पिछड़ गया है।
स्क्रीनिंग का निर्देश
बेड आक्यूपेंसी में भी गिरावट है। जबकि पिछले साल एमसीआई की पड़ताल के बाद एमबीबीएस की 50 सीटें गंवाने के बाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बेड आक्यूपेंसी में सुधार कराया था। मेडिकल कालेज में कुल 750 बेडों की उपलब्धता है। गत दिनों प्राचार्य ने ओपीडी के भी सभी मरीजों की स्क्रीनिंग का निर्देश जारी किया। बताया कि कई मरीजों को अपने आयुष्मान लाभार्थी होने की जानकारी नहीं है, ऐसे में उन्हें मेडिकल कालेज ट्रेस कर योजना से जोड़ेगा।
यूं पिछड़ा मेडिकल कालेज
मेडिकल कालेज का नाम आयुष्मान के अब तक भर्ती कुल मरीज
लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज, मेरठ 863
राजकीय मेडिकल कालेज, अंबेडकरनगर 957
एसएन मेडिकल कालेज, आगरा 1058
राजकीय मेडिकल कालेज, कन्नौज 1199
नेहरू चिकित्सालय मेडिकल कालेज, गोरखपुर 2073
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज, झांसी 2151
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, प्रयागराज 3184
इनका कहना है
छह जनवरी को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व डीजी हेल्थ के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग में शासन ने नाराजगी जताया। आयुष्मान के मरीजों को भर्ती न करने या संख्या कम होने पर विभागाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। मैंने सभी को नोटिस जारी की है।
- डा. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज