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लक्षण एक होने के बाद भी मिलीं अलग-अलग बीमारियां, अब मेरठ में मरीजों की नए सिरे से होगी जांच

बारिश के मौसम में बैक्टीरिया वायरस फंगस अमीबा प्रोटोजोआ संक्रमण की वजह बन रहे हैं। जलजमाव से मलेरिया फाइलेरिया डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा है। मरीजों की जांच में लक्षण एक होने के बावजूद अलग-अलग बीमारियां मिल रही हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 12:52 PM (IST)
लक्षण एक होने के बाद भी मिलीं अलग-अलग बीमारियां, अब मेरठ में मरीजों की नए सिरे से होगी जांच
लक्षण एक होने के बाद भी मिलीं अलग-अलग बीमारियां

मेरठ, जागरण संवाददाता। बरसात शुरू होते ही बुखार व डायरिया बढ़ने लगा है। वायरस, बैक्टीरिया एवं फंगस के बढ़ने से संक्रमण उफान पर है। ओपीडी में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज बुखार से पीड़ित हैं, जबकि जांच में अलग बीमारियां मिलीं। 

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डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा 

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. स्नेहलता ने बताया कि बारिश में नए माइक्रोआर्गनिज्म तेजी से बढ़ते हैं। बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, अमीबा, प्रोटोजोआ संक्रमण की वजह बन रहे हैं। जलजमाव से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा है। 

हर घर बुखार... जांच जरूरी 

मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि एक जुलाई से संचालित संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बड़ी संख्या में मरीजों की जांच की गई। लक्षण एक होने के बावजूद जांच में अलग-अलग बीमारियां मिलीं। 15 जुलाई से आंगनावाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाएंगी, जहां लक्षणों के आधार पर मरीजों की नए सिरे से जांच होगी।

इन्‍होंने कहा 

मौसम में बदलाव से बच्चों में वायरल बुखार, उल्टी, डायरिया, पीलिया, खांसी व जुकाम ज्यादा मिल रहा है। बारिश में वायरस, फंगस व बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं। बच्चों को मास्क लगाएं, ये कई प्रकार के वायरस से भी बचाएगा। पानी उबालने के बाद ठंडा कर पिलाएं।

डा. अमित उपाध्याय, बाल रोग विशेषज्ञ

रेबीज पर नियंत्रण पाने के लिए बनाई कमेटी

बिजनौर, जागरण संवाददाता। जिले में राष्ट्रीय रेबीज कंट्रोल कार्यक्रम लागू हो गया है। शासन के निर्देश पर सीएमओ ने इसके लिए जूनोटिक कमेटी का गठन भी कर दिया। टीम का रेबीज पर नियंत्रण को लेकर खासा फोकस रहेगा। कमेटी की तिमाही समीक्षा बैठक भी होगी। रेबीज पर नियंत्रण को लेकर सरकार गंभीर है। इसके चलते राष्ट्रीय रेबीज कंट्रोल कार्यक्रम के तहत अब इस पर व्यवस्थित तरीके से वार होगा। सीएमओ डा. विजय कुमार गोयल ने बताया कि शासन के निर्देश पर जूनोटिक कमेटी गठित की गई है। इसमें अंतर विभागीय रूप से समन्वय स्थापित कर जूनोटिक व खासतौर पर रेबीज की रोकथाम के प्रयास किए जाएंगे। 


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