कृषि उप निदेशक पर बदसलूकी का आरोप, कृषि सेवा संघ ने दिया अल्टीमेटम Meerut News
उप संभागीय सदर कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय में तैनात प्रावधिक सहायक को निलंबन करने के मामले में अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उप्र ने उप कृषि निदेशक के विरोध में मोर्चा खोल दिया है।
मेरठ, जेएनएन। उप संभागीय सदर कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय में तैनात प्रावधिक सहायक को निलंबन करने के मामले में अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उप्र ने उप कृषि निदेशक के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। कृषि उप निदेशक पर कर्मचारियों से बदसलूकी का आरोप है। आरोप यह भी है कि शिकायत करने पर कृषि उप निदेशक ने प्रावधिक सहायक को बिना किसी नोटिस दिए निलंबित कर दिया।
अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उप्र के बैनर तले सोमवार को दिल्ली रोड स्थित मेवला फ्लाई ओवर के पास कृषि उप निदेशक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशिकांत, सचिव वीरेंद्र सिंह सिवाच व कोषाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि प्राविधक सहायक सोहनवीर सिंह भड़ाना उप संभागीय सदर कृषि प्रसार अधिकारी चमन सिंह के कार्यालय में तैनात है। बताया कि तीन दिसंबर को कृषि उप निदेशक ब्रजेश चंद्रा ने किसान पाठशाला में अनुपस्थित रहने का हवाला देकर बिना नोटिस दिए निलंबित कर दिया। कृषि सेवा के पदाधिकारियों का कहना है कि निलंबित कर्मचारी सोहनवीर ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि महरौली भूडबराल में किसान पाठशाला आयोजन के दौरान गांव में एक मौत हो गई थी। जिस कारण किसान उपस्थित नहीं हो सके। लिखित तौर पर यह कारण बताने के बावजूद कृषि उप निदेशक ने दुर्व्यवहार करते हुए निलंबित कर दिया।
निलंबन वापस लेने की मांग
कृषि सेवा संघ के साथ मिनिस्टरीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष्ज्ञ पंकज सहरावत, सचिव मेहर सिंह व पूर्व सचिव मंजीत सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि सोहनवीर सिंह भड़ाना को तत्काल निलंबित वापस कर बहाल किया जाए। उन्होंने कृषि उप निदेशक के व्यवहार की निंदा की। यदि एक सप्ताह के भीतर बहाल नहीं किया गया तो वह संयुक्त कृषि निदेशक से वार्ता के बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
बोनस व मानदेय रोकने का आरोप
सोहनवीर सिंह सिरोही ने बताया कि कृषि उप निदेशक ने अनावश्यक रुप से उनका बोनस रोक रखा है। कई बार जारी करने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्यालय में तैनात प्रावधिक सहायक कृष्णकांत ने बताया कि कृषि उप निदेशक ने उनसे अपने घर पर टयूशन पढ़ाने के लिए दबाव बनाया था। मना करने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। वहीं, किसान पाठशाला में तैनात कर्मचारियों ने अपना मानदेय रोकने का आरोप लगाया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कुलदीप सिंह ने भी अपना वेतन रोकने का आरोप लगाया।
इन्होंने बताया
दुर्व्यवहार करने का आरोप निराधार व बेबुनियाद है। सोहनवीर पर अनुशासनहीनता व काम में लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई की गई है। कंट्रोलिंग आफिसर से गलत व्यवहार व सरकारी कार्य में बाधा डाली गई। पहले नोटिस दिया गया था। उसका जवाब नहीं मिला, बाद में कार्रवाई की गई।
- ब्रजेश चंद्रा, कृषि उप निदेशक, मेरठ मंडल