पुलिस भर्ती में सेंध, एक अभ्यर्थी समेत तीन पकड़े
रुड़की रोड स्थित छठी वाहिनी पीएसी के मैदान में यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती में बोर्ड के अधिकारियों ने बिना बायोमैट्रिक के दौड़ पास करने वाले एक अभ्यर्थी को पकड़ लिया।
मेरठ, जेएनएन: रुड़की रोड स्थित छठी वाहिनी पीएसी के मैदान में यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती में बोर्ड के अधिकारियों ने बिना बायोमैट्रिक के दौड़ पास करने वाले एक अभ्यर्थी को पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद अधिकारियों ने बायोमैट्रिक कराने वाली प्राइवेट कंपनी को दो आपरेटरों को हिरासत में लिया। आरोप है कि इन्होंने ढाई लाख रुपये में अभ्यर्थी को पास कराने का ठेका लिया था। पूछताछ के बाद बोर्ड अधिकारियों ने तीनों को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।
बुधवार को पुरुष-महिला अभ्यर्थियों की दौड़ थी। अभ्यर्थियों की बायोमैट्रिक का ठेका टीटीआइएल कंपनी को मिला है। दोपहर बाद मुजफ्फरनगर के जेवर शेरनगर गांव निवासी अभ्यर्थी साजिद को अन्य अभ्यर्थियों के साथ दौड़ लगानी थी। नियमानुसार दौड़ से पहले साजिद की बायोमैट्रिक होनी थी, लेकिन कंपनी के दो आपरेटर अंशुल व विकास ने साजिद की जगह फर्जी अभ्यर्थी खड़ा कर उसकी बायोमैट्रिक करा दी। दोनों आपरेटर उसे बाइक पर बैठाकर बाहर से लाए थे। इसके बाद साजिद मैदान से बाहर चला गया। दौड़ पूरी होने के बाद फर्जी अभ्यर्थी मैदान से निकल गया और साजिद अंदर आ गया। इसका राजफाश तब हुआ, जब दौड़ से पहले अभ्यर्थी के हाथ पर लगी मोहर व चेस्ट नंबर का मिलान किया गया। हाथ पर मोहर न लगी होने पर स्थानीय बोर्ड के अधिकारियों को शक हुआ तो साजिद को पकड़ लिया। उसने बाथरुम के रास्ते से भागने का प्रयास भी किया। भर्ती बोर्ड अधिकारी एसीएम सुनीता सिंह व सीओ संजीव देशवाल ने पूछताछ की तो वह रोने लगा। उसने बताया कि उसकी परीक्षा किसी और युवक ने दी है। वही अंदर आकर बायोमैट्रिक कराकर गया था। उसने दौड़ में पास कराने के एवज ढाई लाख रुपये देने का वादा किया था। डेढ़ लाख रुपये एडवांस दे चुका है। एक लाख रुपये दौड़ पास कराने के बाद देने थे। आरोप है कि बायोमैट्रिक कराने वाले दोनों ऑपरेटर अशुंल व विकास भी इस गिरोह में शामिल हैं। बोर्ड अधिकारियों ने जांच के लिए तीनों आरोपितों के मोबाइल अपने पास रखकर उन्हें क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया।
इनका कहना है..
मोहर चेकिग में पकड़े गए एक अभ्यर्थी समेत टीटीआइएल कंपनी के दो आपरेटरों को पुलिस के हवाले किया है। जांच में पाया गया है कि अभ्यर्थी की दौड़ किसी दूसरे युवक ने लगाई थी। जांच में कंपनी की संलिप्त पाई गई तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
-सुनीता सिंह, एसीएम एवं चेयरमैन स्थानीय भर्ती बोर्ड।