रहिए सावधान! डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग को आया पसीना Meerut News
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में बुधवार को डेंगू और स्वाइन फ्लू की जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल लगाए गए। पांच में डेंगी वायरस मिला। यह खतरा अब और भी बढ़ सकता है।
मेरठ, जेएनएन। बारिश थमने के साथ मच्छरजनित बीमारियां नए तेवर के साथ दस्तक दे चुकी हैं। बुखार से तपती ओपीडी के बीच डेंगू के पांच नए मरीज मिलने से स्वास्थ विभाग के माथे पर पसीना आ गया। दूसरी ओर एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। लैबों में ब्लड सैंपलों की जांच की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बड़ी संख्या में सैंपल लगाए गए
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में बुधवार को डेंगू और स्वाइन फ्लू की जांच के लिए बड़ी संख्या में सैंपल लगाए गए। पांच में डेंगी वायरस मिला। इसमें से दो मरीज गंगानगर के निवासी हैं, जबकि रजपुरा, गढ़ रोड और किला परीक्षितगढ़ से एक-एक मरीज मिले। डाक्टर अमित गर्ग ने बताया कि ह्यूमिडिटी की वजह से मच्छरजनित बीमारियों, वायरल एवं फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। इस सत्र में एक साथ सबसे बड़ी संख्या में डेंगू मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। वायरल बुखार के मरीजों में समान लक्षण होते हैं, किंतु जोड़ों में तेज दर्द, बुखार, चक्कर आने और शरीर में लाल चकत्ते दिखने पर डेंगू की जांच होनी चाहिए।
गर्मी में भी स्वाइन फ्लू
2019 में जनवरी से अब तक 394 मरीजों में स्वाइन फ्लू मिल चुका है। मार्च के बाद जून में भी कुछ मरीज मिले थे। बुधवार को सदर की एक 40 साल की महिला में एच1एन1 वायरस मिला। 2009 और 2017 की तरह इस बार भी गर्मी में वायरस सक्रिय होने से स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है। एहतियात के तौर पर बड़ी मात्र में टेमीफ्लू की टेबलेट मंगाई गई है।
इनका कहना है
2019 में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 394 तक पहुंच गई है, जबकि वायरस एक बार सक्रिय है। खांसी, जुकाम, छींकने, खांसने, गले में दर्द और कमजोरी के लक्षणों पर मरीज को डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। डरें नहीं, ये सामान्य इन्फ्लुएंजा की तरह खुद ठीक हो जाता है। डेंगू बुखार में दर्द निवारक गोली कतई न लें। बीपी पर नजर रखें। प्लेटलेट 50 हजार से कम हो तो भी नहीं डरना चाहिए। मच्छरों से बचाव करें।
- डा. राजकुमार, सीएमओ