24 मीटर या उससे चौड़े मार्ग को ही कह सकते हैं बाजार स्ट्रीट...यूपी के इस जिले से उठी यह मांग और यह रही वजह
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने सेंट्रल मार्केट को बाजार स्ट्रीट का दर्जा दिलाने के लिए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने बिल्डिंग बायलाज 2025 में संशोधन की मांग की है, ताकि 9 से 18 मीटर चौड़े मार्गों पर बनी दुकानों को बाजार स्ट्रीट का दर्जा मिल सके। विधायक ने 10 लाख की आबादी की बाध्यता समाप्त करने का भी आग्रह किया है।

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट का काम्प्लेक्स। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, मेरठ। सेंट्रल मार्केट को बाजार स्ट्रीट का दर्जा दिए जाने को लेकर तकनीकी अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट बायलाज 2025 में संशोधन करते हुए बिंदु पांच में बाजार स्ट्रीट और बिंदु आठ मिश्रित भू उपयोग के प्रविधानों में संशोधन की मांग की है।
प्रमुख सचिव आवास और शहरी नियोजन को लिखे पत्र में कहा है कि आवास विकास परिषद ने कालोनियों का निर्माण तो किया है, लेकिन स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की रोजमर्रा पूर्ति के लिए सुनियोजित बाजार विकसित नहीं किया गया है। पिछले 50 वर्ष में मेरठ समेत कई प्रमुख शहरों में फुटकर बाजार विकसित हुए हैं, लेकिन नए बायलाज में 10 लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर या उससे चौड़ी रोड पर बाजार स्ट्रीट का प्रविधान है। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क पर भी इसका प्रविधान है। कैंट विधायक ने 10 लाख की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के सेंट्रल मार्केट प्रकरण पर दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि 22 दुकानें तोड़ दी गई हैं। 1463 व्यावसायिक निर्माणों पर और कार्रवाई होनी है। इसके विरोध में व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मेरठ समेत अन्य शहरों में नौ मीटर से 18 मीटर और उससे अधिक चौड़े मार्गों के बाजारों को पर बाजार स्ट्रीट घोषित करने की मांग की है। कैंट विधायक ने कहा इन संशोधन के बाद इन्हें मेरठ महायोजना में शामिल कराया जाएगा।
अधिकारियों के आश्वासन पर धरना समाप्त
मेरठ। सेंट्रल मार्केट में ध्वस्त किए कांप्लेक्स के व्यापारियों और उनके स्वजन द्वारा दिया जा रहा धरना शनिवार को समाप्त हो गया। सुबह डीएम वीके सिंह, एसएसपी विपिन ताडा और आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार के साथ व्यापारियों की बैठक हुई। किशोर वाधवा, रजत अरोड़ा, रजत गोयल और राजीव गुप्ता वार्ता के लिए पहुंचे। व्यापारियों ने मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये दिये जाने, कांप्लेक्स में ध्वस्त दुकानों को उसी स्थान पर भू उपयोग परिवर्तित करते हुए दुकानें देने और जब तक कांप्लेक्स में दुकानें नहीं मिल जाती तब तक के लिए किसी जगह व्यापार करने के लिए दुकानें आवंटित किए जाने की मांग रखी।
किशोर वाधवा ने बताया कि अधिकारियों ने मांगों के संबंध में सकारात्मक रवैया अपनाया। कहा शासन स्तर पर भी उनकी मांगों को पूरा करने के लिए गंभीरता से प्रयास है। अधिकारियों के आश्वासन के बाद व्यापारियों ने धरना समाप्त करने की घोषणा की। शुक्रवार को परिवारजनों के साथ धरने पर बैठे व्यापारियों ने जनप्रतिनिधियों पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया था। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत शारदा से भी अनशन पर बैठी महिलाओं ने गुस्से का इजहार किया था।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 और 26 अक्टूबर को सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स के 22 दुकानें ध्वस्त कर दी गई थीं। किशोर वाधवा ने बताया अधिकारियों से वार्ता के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है सवा माह का समय दिया गया है।
कैंट विधायक ने पत्र लिखा
सुबह लगाया बैनर और दोपहर को हटाया गया मेरठ: सेंट्रल मार्केट में सुबह के समय व्यापारियों द्वारा बैनर और कुर्सियां धरना स्थल रख दी गई थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद व्यापारियों ने आपस में संवाद कर धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी। किसान मजदूर संगठन के विजय राघव भी धरना स्थल पर पहुंचे उन्होंने वहां मौजूद व्यापारियों को सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में टेंट, बैनर और कुर्सियां हटा दी गईं। व्यापार बचाओ संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय गांधी ने दुकानें ध्वस्त होने के बाद अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
संयोजक सतीश गर्ग को लिखे पत्र में कहा है कि जिन व्यापारियों की दुकानें टूटी हैं उनकी दुर्दशा से दुखी होकर वह त्यागपत्र दे रहे थे। एक साल पहले यह संगठन इसीलिए बनाया था कि दुकानें न टूटें।

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