Delhi Meerut Rapid Rail: मेरठ-दिल्ली के बीच जर्मनी की कंपनी चलाएगी रैपिड ट्रेन,12 साल के लिए हुआ अनुबंध
Delhi Meerut Rapid Rail दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल चलाने के लिए एनसीआरटीसी और डीबी इंडिया के बीच हुआ अनुबंध। रैपिड रेल कारिडोर के संचालन और मरम्मत का जिम्मा। कंपनियों के साथ 12 साल का अनुबंध किया गया है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Delhi Meerut Rapid Rail जर्मनी की रेलवे कंपनी डायचे बान एजी की सहायक कंपनी डायचे बान इंजीनियरिंग एंड कंसल्टेंसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीबी इंडिया) रैपिड ट्रेन चलाएगी। देश के प्रथम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर के संचालन और मरम्मत के लिए एनसीआरटीसी ने डीबी इंडिया के साथ अनुबंध कर लिया है। यह अनुबंध 12 साल की अवधि के लिए हुआ है।
अनुबंध पर हस्ताक्षर
शुक्रवार को एनसीआरटीसी के दिल्ली स्थित कारपोरेट कार्यालय में एनसीआरटीसी के महाप्रबंधक विनय कुमार सिंह ने डीबी इंडिया के अधिकारियों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह कंपनी 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर का संचालन करेगी। अर्थात रैपिड ट्रेन चलाएगी। कारिडोर के स्टेशनों पर स्टाफ जैसे स्टेशन मैनेजर, ट्रेन कंट्रोलर समेत अन्य स्टाफ इसी कंपनी का होगा।
यह भी जिम्मेदारी में शामिल
इसके अलावा कंपनी रैपिड रेल कारिडोर का मरम्मत कार्य भी देखेगी। कारिडोर की साफ-सफाई, सिविल वर्क समेत स्टेशनों के मरम्मत कार्य डीबी इंडिया कंपनी के जिम्मे रहेंगे। मालूम हो कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 2017 में मेट्रो रेल नीति जारी की थी, जिसमें रीजनल रेल और मेट्रो रेल परियोजनाओं में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। एनसीआरटीसी ने मेट्रो रेल नीति-2017 के उद्देश्य को पूरा किया है।
मार्च 2023 में शुरू हो जाएगा संचालन
बता दें कि रैपिड रेल कारिडोर के प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच सबसे पहले मार्च 2023 में रैपिड ट्रेन का संचालन शुरू होगा। ट्रायल रन की तैयारी चल रही है। डीबी इंडिया कंपनी यहीं से काम शुरू करेगी।जैसे-जैसे रैपिड रेल कारिडोर के ट्रैक दिल्ली से मेरठ तक तैयार होते जाएंगे डीबी इंडिया कंपनी संचालन की अपनी व्यवस्था बनाती जाएगी।
इससे आएगा आदर्श बदलाव
एनसीआरटीसी के महाप्रबंधक विनय कुमार सिंह ने कहा कि एनसीआरटीसी की इस पहल से एक आदर्श बदलाव आएगा। यह क्षेत्र प्रभावी और प्रतिस्पर्धी बनेगा। इससे ज्ञान, सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय कार्य पद्धतियों और प्रबंधकीय सेवाओं के हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त होगा।