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Delhi-Meerut Expressway: परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का कार्य शुरू Meerut News

परतापुर तिराहे पर एक्सप्रेस-वे का इंटरचेंज निर्माणाधीन है। यहां पर दिल्ली-मोदीनगर-मेरठ रोड देहरादून-रुड़की हाईवे का मिलान पहले से ही होता है। अब मेरठ-डासना एक्सप्रेस-वे भी म‍िलेंगगे।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 04:59 PM (IST)
Delhi-Meerut Expressway: परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का कार्य शुरू Meerut News
Delhi-Meerut Expressway: परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज का कार्य शुरू Meerut News

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए सबसे अहम प्वाइंट परतापुर तिराहे पर भी बुधवार से काम शुरू हो गया। पहले दिन मिट्टी भराव, राजवाहे में पाइप डालने आदि का कार्य हुआ। रात में भी कार्य चलता रहा।

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परतापुर तिराहे पर एक्सप्रेस-वे का इंटरचेंज निर्माणाधीन है। यहां पर दिल्ली-मोदीनगर-मेरठ रोड, देहरादून-रुड़की हाईवे का मिलान पहले से ही होता है। अब मेरठ-डासना एक्सप्रेस-वे का मिलान भी यहीं पर हो रहा है। ऐसे में किस तरफ के वाहन को कैसे निकाला जाएगा, इसलिए इंटरचेंज बनाया जा रहा है। इसके तहत दो अंडरपास व एक ओवरब्रिज निर्माणाधीन है। इसके लिए अर्धचंद्राकार पूल बनाया जा रहा है। ये सब कार्य लॉकडाउन की वजह से रुक गए थे। हाल ही में मेवला फ्लाईओवर से परतापुर तक के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से बाहर किया गया था। इसे देखते हुए अब प्रशासन ने परतापुर में इंटरचेंज का कार्य करने की अनुमति दे दी।

इन्‍होंनेे बताया  

कार्यदायी कंपनी जीआर इंफ्रा प्रा. लि. के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज बैरवा ने बताया कि गुरुवार से कार्य रफ्तार पकड़ेगा। कई मशीनें तैनात करके विभिन्न कार्य होंगे। पहले दिन सर्वे के साथ ही मिट्टी भराव व अन्य कार्य की शुरुआत हुई।

अब भी नहीं सुधरे तो यूटर्न कराएगा दुर्घटना

परतापुर तिराहे के नजदीक देहरादून बाइपास पर एक अवैध रूप से कट दिया गया है। इस कट से ही दिल्ली से मेरठ शहर की ओर आने वाले छोटे-बड़े वाहन यूटर्न लेते हैं। इस यूटर्न के सामने रोड चौड़ी नहीं है और सामने गड्ढा है। ऐसे में यहां दुर्घटना का अंदेशा रहता है। कई बार वाहन मोड़ते समय उस गड्ढे में पलट भी चुके हैं। दरअसल यह गड्ढा एक्सप्रेस-वे के लिए खोदा गया था। रोड को खोद कर इसे फिर से मजबूत करके सर्विस रोड बनाई जानी थी, लेकिन कार्यदायी कंपनी की ओर से अधूरा कार्य ही किया गया। इससे भी खतरनाक यह है कि यहां कोई यूटर्न का बोर्ड भी नहीं लगाया गया न ही रिफ्लेक्टर। इससे रात के अंधेरे में वाहन टकराने का डर रहता है। यहां की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया। एसपी यातायात से लेकर एनएचएआइ तक ने वादा किया था, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। अब एक्सप्रेस-वे को पूरा करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है, ऐसे में यदि इस यूटर्न की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो छह महीने तक दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। वैसे तो जब एक्सप्रेस-वे बन जाएगा तब यूटर्न समाप्त हो जाएगा पर तब तक यह खतरा बरकरार रहेगा, क्योंकि अब वाहनों का आवागमन धीरे-धीरे शुरू होने लगा है। कार्यदायी कंपनी के पास इसी समय इस समस्या के समाधान का भी अवसर है, लेकिन अभी इस पर इंजीनियरों ने ध्यान नहीं दिया है।


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