दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज का काम तेज, अंडरपास निर्माण शुरू
दिल्ली जाने वाले रास्ते की बायीं ओर की जमीन पर कब्जा न मिलने से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज का काम बाधित होगा।
By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 05:16 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज बनाने का काम परतापुर में तेजी से चल रहा है। इस कड़ी में मंगलवार को 36 मीटर लंबी बूम प्लेसर मशीन ने एनएच-58 के नीचे से बनने वाले अंडरपास की ढलाई की। एक्सप्रेस-वे से उतरकर मेरठ शहर की ओर आने वाले वाहन इसी अंडरपास से होकर मौजूदा फ्लाईओवर तक पहुंचेंगे। बूम प्लेसर मशीन मुख्यत: उन निर्माणों की ढलाई के लिए इस्तेमाल में ली जाती है जहां पहुंचना आसान नहीं होता और हाई हीट पर ढलाई करनी होती है।
बनाएंगे वैकल्पिक मार्ग
अंडरपास के दूसरे हिस्सा का काम भी जल्द ही होगा। फिलहाल एनएच-58 से वाहन दौड़ रहे हैं और सड़क किनारे होटल, बिजली के खंभे व अन्य निर्माण हैं। इन सभी को नोटिस दिया गया है। इनके स्थानांतरित होते ही एनएचएआइ दिल्ली से देहरादून की ओर जाने की खातिर एक वैकल्पिक मार्ग बनाएगा और एनएच-58 के शेष हिस्से की खोदाई कर अंडरपास का काम पूरा करेगा। मंगलवार को ढलाई का काम पूरा होने के बाद गुरुवार से यहां स्लोप बनाने और दीवार खड़ी करने का काम शुरू किया जाएगा। आने वाले 10-12 दिनों में अंडरपास का आधा हिस्सा बनकर तैयार हो जाएगा।
एक ओर का पिलर तैयार, दूसरी ओर फाउंडेशन भी नहीं
इंटरचेंज के लिए मेरठ से दिल्ली जाने के क्रम में दायीं ओर चार पिलर तैयार कर लिए गए हैं। इनमें तीन की कैपिंग भी कर ली गई है जबकि चौथे का भी काम जल्द पूरा हो जाएगा। लेकिन चिंता की बात यह है कि दूसरी ओर बनने वाले दो पिलर का फाउंडेशन भी तैयार नहीं हो सका है। इसकी वजह है भूमि पर कब्जा न मिल पाना। दूसरी ओर की भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। पैसे का भुगतान नहीं हुआ है, लिहाजा किसान अपनी जमीन पर कब्जा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने काम करने की अनुमति नहीं दी है जिससे इंटरचेंज को खड़ा करने वाले दो अहम पिलर तैयार नहीं हो पा रहे हैं। यहां काम करने वाले इंजीनियरों का कहना है कि हमारे एक ओर का काम लगभग तैयार है। दूसरी ओर पिलर की अनुमति मिलते ही इसे खड़ा कर कैपिंग गार्डर रख दिए जाएंगे।
रेल ओवर ब्रिज का निर्माण भी अभी शुरू नहीं
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में सड़क निर्माण और इंटरचेंज के अलावा दो रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) भी बनने हैं। एक दुहाई तो दूसरा मेरठ के परतापुर में। परतापुर में तो अभी निर्माण भी शुरू नहीं हुआ। एनएचएआइ का दावा है कि आरओबी तीन माह के रिकॉर्ड समय में तैयार किया जाएगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह शुरू कब होगा। इसका जवाब अभी कोई नहीं दे पा रहा है। यहां काम कर रहे कांट्रैक्टर्स का कहना है कि हमें अभी क्लियरेंस नहीं मिली है। हरी झंडी मिलते ही हम काम शुरू कर देंगे। बता दें कि मेरठ से एक्सप्रेस-वे पर चढऩे के लिए जो रैंप बनेगा वह परतापुर चौकी से ही उठेगा और सीधे आरओबी होते हुए काशी की ओर निकल जाएगा।
बनाएंगे वैकल्पिक मार्ग
अंडरपास के दूसरे हिस्सा का काम भी जल्द ही होगा। फिलहाल एनएच-58 से वाहन दौड़ रहे हैं और सड़क किनारे होटल, बिजली के खंभे व अन्य निर्माण हैं। इन सभी को नोटिस दिया गया है। इनके स्थानांतरित होते ही एनएचएआइ दिल्ली से देहरादून की ओर जाने की खातिर एक वैकल्पिक मार्ग बनाएगा और एनएच-58 के शेष हिस्से की खोदाई कर अंडरपास का काम पूरा करेगा। मंगलवार को ढलाई का काम पूरा होने के बाद गुरुवार से यहां स्लोप बनाने और दीवार खड़ी करने का काम शुरू किया जाएगा। आने वाले 10-12 दिनों में अंडरपास का आधा हिस्सा बनकर तैयार हो जाएगा।
एक ओर का पिलर तैयार, दूसरी ओर फाउंडेशन भी नहीं
इंटरचेंज के लिए मेरठ से दिल्ली जाने के क्रम में दायीं ओर चार पिलर तैयार कर लिए गए हैं। इनमें तीन की कैपिंग भी कर ली गई है जबकि चौथे का भी काम जल्द पूरा हो जाएगा। लेकिन चिंता की बात यह है कि दूसरी ओर बनने वाले दो पिलर का फाउंडेशन भी तैयार नहीं हो सका है। इसकी वजह है भूमि पर कब्जा न मिल पाना। दूसरी ओर की भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। पैसे का भुगतान नहीं हुआ है, लिहाजा किसान अपनी जमीन पर कब्जा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने काम करने की अनुमति नहीं दी है जिससे इंटरचेंज को खड़ा करने वाले दो अहम पिलर तैयार नहीं हो पा रहे हैं। यहां काम करने वाले इंजीनियरों का कहना है कि हमारे एक ओर का काम लगभग तैयार है। दूसरी ओर पिलर की अनुमति मिलते ही इसे खड़ा कर कैपिंग गार्डर रख दिए जाएंगे।
रेल ओवर ब्रिज का निर्माण भी अभी शुरू नहीं
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में सड़क निर्माण और इंटरचेंज के अलावा दो रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) भी बनने हैं। एक दुहाई तो दूसरा मेरठ के परतापुर में। परतापुर में तो अभी निर्माण भी शुरू नहीं हुआ। एनएचएआइ का दावा है कि आरओबी तीन माह के रिकॉर्ड समय में तैयार किया जाएगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह शुरू कब होगा। इसका जवाब अभी कोई नहीं दे पा रहा है। यहां काम कर रहे कांट्रैक्टर्स का कहना है कि हमें अभी क्लियरेंस नहीं मिली है। हरी झंडी मिलते ही हम काम शुरू कर देंगे। बता दें कि मेरठ से एक्सप्रेस-वे पर चढऩे के लिए जो रैंप बनेगा वह परतापुर चौकी से ही उठेगा और सीधे आरओबी होते हुए काशी की ओर निकल जाएगा।
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