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टेक्नीशियन के मौत की गुत्‍थी उलझी, आखिर उसे कैसे मिली वेकुरोनियम ब्रोमाइड इंजेक्शन? Meerut News

न्यूटिमा अस्पताल के ओटी टेक्नीशियन की मौत की गुत्थी उलझ रही है। पुलिस के सामने सवाल है कि बेहोशी के इंजेक्शन की ओवरडोज से मौत हुई तो ओटी में खून कहां से आया। अहम सवाल है कि जिस इंजेक्शन वक्यूरीनियम ब्रोमाइड के लगाने से टेक्नीशियन की मौत हुई है?

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 12:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 12:00 AM (IST)
टेक्नीशियन के मौत की गुत्‍थी उलझी, आखिर उसे कैसे मिली वेकुरोनियम ब्रोमाइड इंजेक्शन? Meerut News
मेरठ में ऑपरेशन के दौरान टेक्‍नीशियन की मौत।

मेरठ, जेएनएन। न्यूटिमा अस्पताल के ओटी टेक्नीशियन की मौत की गुत्थी उलझ रही है। पुलिस के सामने सवाल है कि बेहोशी के इंजेक्शन की ओवरडोज से मौत हुई तो ओटी में खून कहां से आया। उससे भी अहम सवाल है कि जिस इंजेक्शन वक्यूरीनियम ब्रोमाइड के लगाने से टेक्नीशियन की मौत हुई है, वह उसे इतनी आसानी से कैसे मिल गया? दरअसल, इस इंजेक्शन को अस्पताल के आपरेशन थिएटर में इंचार्ज और डाक्टरों की निगरानी में क्रेस काट में रखा जाता है, जिसका डबल लाक होता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन तंत्र दावा कर रहा है कि क्रेस काट की जिम्मेदारी भी ओटी टेक्नीशियन के पास थी।

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न्यूटिमा अस्पताल निदेशक डाक्टर संदीप गर्ग ने बताया कि पांच एमएल के वेकुरोनियम ब्रोमाइड इंजेक्शन से आपरेशन के समय मरीज को बेहोश करने के लिए अमूमन दो एमएल डोज दी जाती है, इस इंजेक्शन की दो एमएल डोज लगने के बाद मरीज की मांस पेशी काम करना बंद कर देती है। उसके बाद फेफडे भी चलना बंद हो जाते है। यदि उस समय मरीज को वेंटिलेटर पर लेकर आक्सीजन नहीं दी जाए तो 15 मिनट में मौत हो जाती है। यह इंजेक्शन लगने के डेढ़ मिनट बाद ही अपना काम शुरू कर देता है। अस्पताल की ओटी के टेक्नीशियन फतेह सिंह ने इंजेक्शन की पांच एमएल डोज ली है, जो ओवरडोज की श्रेणी में आता है। उससे लग रहा है कि डोज लगने के पांच मिनट बाद ही फतेह सिंह  की मौत हो गई होगी।

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ओटी में फतेह सिंह के शव के पास खून भी पड़ा था। सवाल है कि खून कहां से आया है। उससे भी अहम बात है कि फतेह सिंह को बेहोशी का इंजेक्शन इतनी आसानी से कैसे मिल गया। क्योंकि नियम है कि इस इंजेक्शन को ओटी के क्रेस काट में रखा जाता है, जिसकी निगरानी एक डाक्टर और ओटी इंचार्ज करते है। सवाल है कि क्रेस काट से इंजेक्शन को फतेह सिंह ने कैसे निकाला। डाक्टर संदीप गर्ग का कहना है कि क्रेस काट फतेह सिंह की निगरानी में ही था। उसने खुद ही क्रेस काट से इंजेक्शन निकाल कर अपनी नस में लगा लिया।

डाक्टर ने बताया कि फतेह सिंह का अपनी मंगेतर से विवाद चल रहा था। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि फतेह सिंह की मौत पर स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट की राय भी ली जा रही है। क्योंकि ओटी के अंदर सुसाइड नोट नहीं मिला है। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृतक के मोबाइल की काल डिटेल के आधार पर पूरे मामले से पर्दा उठ जाएगा। पुलिस की एक टीम इस कार्य में लगा दी गई है। 

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