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बुलंदशहर में मौत का जाम : सलामती की दुआ मांग रही थीं सिसकियां, कोई बाइक तो कोई ई-रिक्शा में लेकर भागा अस्पताल

बुलंदशहर के गांव जीतगढ़ी में दुख की इस घड़ी में भी खौफ का मंजर था। सड़कों पर सन्नाटा था दरवाजे बंद थे लेकिन खिड़कियों से झांकती आंखों में अज्ञात डर तैर रहा था। पुलिस की चहलकदमी हादसे वाले घरों में महिलाओं की सिसकियां थीं। उनकी सलामती की दुआएं मांगती रहीं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 10:09 PM (IST)
बुलंदशहर में मौत का जाम : सलामती की दुआ मांग रही थीं सिसकियां, कोई बाइक तो कोई ई-रिक्शा में लेकर भागा अस्पताल
बुलंदशहर में जहरीली शराब से पांच की मौत हुई है।

[लोकेश पंडित] बुलंदशहर। गांव जीतगढ़ी में दुख की इस घड़ी में भी खौफ का मंजर था। सड़कों पर सन्नाटा था, दरवाजे बंद थे लेकिन खिड़कियों से झांकती आंखों में अज्ञात डर तैर रहा था। पुलिस की चहलकदमी के बाद पुरुष घर छोड़कर जा चुके हैं। हादसे वाले घरों में महिलाओं की सिसकियां थीं। जिनका बेटा-भाई अस्पताल में था वे बार-बार हाथ ऊपर करके उनकी सलामती की दुआ कर रही थी। जिन्होंने अपनों को खो दिया था दहाड़ें यह सवाल भी कर रही थीं कि घर की गाड़ी कैसे चलेगी। जीतगढ़ी में गांव से लेकर अस्पताल तक कोहराम से सिवा कुछ न था।

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जीतगढ़ी गांव में पीने-पिलाने का सिलसिला रोज का है। लोग कड़ी मशक्कत के बाद दो जून रोटी जुटा पाते हैैं। लगभग पांच सौ आबादी वाले गांव में कच्चे मकानों की तादाद उनकी माली हालत बयां करती है। दिनभर कड़ी मेहनत के बाद लोग रात को शराब में डूब जाते थे। जिसकी आमदनी ज्यादा हुई उसने गांव से शराब ले ली, बाकी ने कच्ची पीकर काम चलाया।

किसी ने सोचा भी नहीं था कि गुरुवार की रात ऐसी कयामत आएगी। शाम को झुमते कदम घर पहुंचे तो महिलाओं ने खाना देकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। रात में एक के बाद एक घर से उल्टियों की आवाजें आईं तो पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। कोई उन्हें बाइक से अस्पताल ले गया। कुछ ई-रिक्शा तो कुछ गाड़ी से ही दौड़ पड़े। पूरी रात गांव से लेकर अस्पताल तक यही हाल रहा। दो दर्जन लोगों को बेसुध देख डाक्टर और पुलिस अधिकारी भी सहम गए।

चीत्कार से गूंजा अस्पताल परिसर

रात में आए मरीजों की जैसे-जैसे मौत की खबर आई, स्वजन का विलाप शुरू हो गया। महिलाओं के रुदन से अस्तपाल में भर्ती अन्य मरीज भी सहम गए। किसी की मौत खबर आती तो बाकी लोग अपनों की सलामती की दुआ कर रोने लगते।

हर चेहरे पर दिखा खौफ

गांव में शराब से पांच लोगों की मौत और 19 के बीमार होने की खबर से सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की आमद बढ़ी तो पुरुष पलायन कर गए। अधिकांश घरों में महिलाएं व बच्चे ही दिखे। दरवाजे अंदर से बंद थे। कुछ घर का ताला लगाकर चले गए। अधिकारियों ने जानकारी की तो किसी ने बताया अस्पताल गए है तो कुछ ने जानकारी नहीं होने की बात कही।

एक झटके में छिन गईं परिवार की खुशियां

कई परिवारों की खुशियां झटके के साथ छिन गई हैं। सरजीत के सात बच्चे हैं। बड़े बेटे शिव कुमार के अलावा तीन बेटी व तीन अन्य बेटे हैं। पिता की मौत के बाद अब शिव कुमार ही परिवार का जिम्मेदार बचा है। सुखपाल के चार बच्चे हैं, लेकिन सभी विवाहित हैं। सतीश के छह बच्चे हैं, इनमे चार बेटे दो बेटी हैं। कलुआ राजमिस्त्री था। पांच बच्चों का बामुश्किल पेट पालता था। उसकी मौत के बाद हर कोई व्यथित है। पन्ना लाल भी छह बच्चों के पिता थे।


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