मेरठ में कचरे से निपटने को हैदराबाद की कंपनी लगाएगी बॉयोवेस्ट प्लांट
मेरठ (संतोष शुक्ल)। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो मेरठ में यूपी का सबसे बड़ा बायोवेस्ट
मेरठ (संतोष शुक्ल)। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो मेरठ में यूपी का सबसे बड़ा बायोवेस्ट निस्तारण प्लांट लगेगा। हैदराबाद की कंपनी 20 एकड़ क्षेत्रफल में यह प्लांट लगाने जा रही है। उद्योग विभाग हापुड़ रोड, बागपत रोड एवं मवाना में जमीन चिन्हित कर चुका है। प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दी तो आसपास के 30 जिलों का मेडिकल कचरा इसी प्लांट में निस्तारित होगा। कंपनी करीब 50 करोड़ का निवेश करेगी।
हैदराबाद स्थित यह कंपनी दस हजार अस्पतालों का कचरा कलेक्ट करती है। प्रदेश का पूरा कचरा फिलहाल इसी कंपनी द्वारा कानपुर में निस्तारित होता है। मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद समेत करीब दर्जनों जिलों से भारी मात्रा में कूड़ा निकलता है। निजी एजेंसियां मेडिकल कचरा कानपुर पहुंचाती हैं। इसकी ढुलाई की लागत ज्यादा है। इससे बचने के लिए हैदराबाद स्थित कंपनी पश्चिम एवं मध्य उप्र के जिलों के बॉयोवेस्ट निस्तारण के लिए मेरठ में जमीन तलाश रही है। ये कंपनी मेडिकल कचरे में मिलने वाले प्लास्टिक, मेटल व अन्य धातुओं को रिसाइकिल करती है। ठोस कचरा निस्तारण, बायोवेस्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं रिन्यूवेवल एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करती है।
क्या है मेडिकल कचरा
मेडिकल कचरा खतरनाक माना जाता है। इसमें खून से सनी पट्टियां, सुइयां, मवाद, कटे फटे अंग और ऊतक, स्टील, प्लास्टिक, खून के पाउच, सर्जिकल डिवायस, कपड़े एवं दर्जनों प्रकार की बोतलें भी होती हैं। अस्पतालों में प्लास्टिक, मेटल एवं कई अन्य प्रकार के बाइप्रोडक्ट निकलते हैं, जिससे जानलेवा बीमारियां भी फैलती हैं। मेरठ का मेडिकल वेस्ट गाजियाबाद की कंपनी कलेक्ट करती है। जिसे कानपुर भेजकर निस्तारण किया जाता है।
ये है स्थिति
-मेरठ में करीब 221 अस्पताल हैं। करीब दस हजार बेड।
-दो हजार क्लीनिक और पैथोलोजी लैब।
-मेडिकल में 1060, जबकि जिला अस्पताल में 235 बेड।
इनका कहना है..
हैदराबाद स्थित रेमकी कंपनी ने तीन स्थानों पर जमीन देखा है। 20 एकड़ में बायोवेस्ट प्लांट लगाने की योजना है। आसपास के 30 से ज्यादा जिलों का बायोवेस्ट निस्तारित किया जाएगा।
-ऋषि रंजन गोयल, सहायक आयुक्त, उद्योग।