अरशद मदनी की राय से दारुल उलूम सहमत, हिंदू भाइयों से भी किया को-एजुकेशन के विरोध का आह्वान
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सह-शिक्षा (को-एजुकेशन) को गलत बताते हुए हिंदू भाइयों से भी किया को-एजुकेशन के विरोध का आह्वान । लड़कियों के लिए अलग से शिक्षण संस्थान बनाने की पैरवी की ।
सहारनपुर, जेएनएन। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सह-शिक्षा (को-एजुकेशन) को गलत बताते हुए लड़कियों के लिए अलग से संस्थान कायम किए जाने की पैरवी की है। दारुल उलूम ने भी मदनी के इस बयान का समर्थन किया है। साथ ही पचास प्रतिशत उपस्थिति के साथ बुधवार से शुरू दारुल उलूम में शिक्षण कार्य आरंभ होगा।
सोमवार को दिल्ली स्थित जमीयत मुख्यालय पर बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने गैर मुस्लिम व मुस्लिम समाज से अपने बच्चों को-एजुकेशन से दूर रखने का आह्वान किया था। कहा था कि सहशिक्षा के जो दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं वह गंभीर है। मौलाना ने कहा था कि केवल मुसलमान ही नहीं, ङ्क्षहदू भाई भी सहशिक्षा के खिलाफ आवाज उठाएं। मौलाना मदनी ने बेटियों को उच्च शिक्षित बनाने के लिए अलग से बेहतरीन शिक्षण संस्थान खोले जाने पर जोर दिया था। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि को-एजुकेशन को लेकर जमीयत अध्यक्ष ने जो बयान दिया है वह उसका समर्थन करते हैं।
50 प्रतिशत छात्रों की रहेगी उपस्थिति
कोरोना के चलते लंबे समय से बंद पड़ी प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद में बुधवार से शिक्षण कार्य आरंभ हो जाएगा। संस्था प्रबंधन ने छात्रों को कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत की है। साथ ही 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ बच्चों को कक्षाओं में बैठाने का इंतजाम किया गया है।
शासन के आदेश के बाद लिया निर्णय
शासन के आदेश के बाद दारुल उलूम देवबंद ने भी एक सितंबर से 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाएं आरंभ करने का निर्णय लिया था। इसके चलते छात्रों का संस्था में आने का सिलसिला बना हुआ है। छात्रों में उत्साह है। मंगलवार को काफी समय बाद संस्थान में रौनक नजर आई। साथ ही कक्षाओं में सैनिटाइजेशन आदि का कार्य प्रबंधन द्वारा कराया गया। तंजीम-ओ-तरक्की विभाग के उपप्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि शारीरिक दूरी के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए छात्रों को निर्देशित कर दिया गया है।
छात्रावास में भी शारीरिक दूरी के साथ रहने की हिदायत दी गई है। वहीं, दारुल उलूम वक्फ समेत अन्य मदरसों में भी शिक्षण कार्य शुरू करने को लेकर तैयारियां जारी हैं। दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने बताया कि बुधवार से शिक्षण कार्य शुरू किया जाएगा।