हड्डियों की बीमारी है तो संभल कर निकलें, सड़कों के गड्ढे बना सकते हैं अपंग
मेरठ की सड़कों के हड्डी तोड़ गड्ढे लोगों को अपंग बना रहे हैं, लेकिन विभागों के पास इनकी मरम्मत के लिए धन ही नहीं है।
मेरठ (जेएनएन)। अगर आप शुगर, थायरायड, मोटापा और हड्डयों की बीमारी से जूझ रहे हैं तो मेरठ की सड़कों पर संभल कर निकलें। सड़कों पर गड्ढों की वजह से तेज झटका लगने पर आप अपंग तक बन सकते हैं। हड्डी रोग एवं न्यूरो विशेषज्ञों की मानें तो स्पाइन कॉर्ड में फ्रैक्चर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बुजुर्गों में हड्डी फ्रैक्चर का सर्वाधिक खतरा है। उधर, प्रशासन की रिपोर्ट बताती है कि जिले में लगभग 1752 सड़कों में बने हजारों गड्ढे खतरनाक साबित हो रहे हैं।
योगी सरकार ने शपथ लेने के बाद 15 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने का फरमान सुनाया था। किंतु पूरी कवायद प्रस्तावों तक सिमट गई। सड़कों पर बेशुमार गड्ढों की वजह से कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। उधर, बारिश के बाद टूटी सड़कों की मरम्मत को लेकर विभागों ने धन की तंगी बताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं। खासकर, दोपहिया वाहन चालकों को सर्वाधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। खतरे का सबब बन चुकी इन सड़कों की मरम्मत के लिए लोनिवि, नगर निगम, नगरीय निकाय, मंडी समिति, गन्ना समिति, जिला पंचायत व एमडीए आदि ने धन का रोना रो दिया है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर सभी ने प्रस्ताव बना रखे हैं, परंतु शासन से धनराशि की स्वीकृति नहीं होने के कारण गड्ढे नहीं भरे जा रहे हैं।
खिसक रहा स्पाइन कॉर्ड
इसका सर्वाधिक असर स्पाइन कॉर्ड पर पड़ता है, जिसमें तेज झटका लगने पर अपंगता तक का खतरा है। रीढ़ की हड्डी में चोट से जोड़ों में दर्द, हाथ पैर का सुन्न होना, आंखों में दर्द, कंधा दर्द आदि की समस्या होती है। कई बार व्यक्ति ठीक से बैठ तक नहीं पाता है।
युवा भी हो रहे शिकार
विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर 30 वर्ष की आयु के बाद स्लिप डिस्क, सर्वाइकल वर्टिब्रा की समस्या हो जाती है, लेकिन गड्ढों के कारण अब 20-25 वर्ष के युवाओं में भी स्लिप डिस्क के लक्षण तेजी से देखे जा रहे हैं।
इन विभागों की इन सड़कों में हैं गड्ढे
-लोनिवि : 128
-नगर निगम : 29
-ग्रामीण अभियंत्रण : 1000
-नगरीय निकाय : 500
-जिला पंचायत : 20
-मंडी समिति : 15
-गन्ना समिति : 10
-एमडीए : 50
कुल : 1752
स्पाइन सोसाइटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 10 से 15 फीसद लोग पीठ या कमर दर्द से पीडि़त हैं। 20 फीसद मामलों में यह दर्द गंभीर रूप भी ले सकता है। करीब 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग स्लिप डिस्क से जूझ रहे हैं।
इन्होंने कहा...
सड़कों को गड्ढा मुक्त करने रूपरेखा बनाई गई है। कुछ जगह गड्ढे भरे भी गए हैं, लेकिन धनराशि नहीं होने के कारण समस्या आड़े आ रही है।
-प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता-लोनिवि
कैल्शियम व विटामिन डी की कमी, खानपान, व्यायाम की कमी एवं प्रदूषण से जहां हड्डियां चटक रही हैं, वहीं सड़कों पर गड्ढों की वजह से कई बार तेज झटके लगते हैं। जिन मरीजों की हड्डियों में घनत्व कम है, उनमें फ्रैक्चर का रिस्क ज्यादा है।
डॉ. एचके डोगरा, वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ
नगर निगम क्षेत्र की सड़कों को बहुत जल्द गड्ढा मुक्त किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
-मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त