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साइबर हैकर ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल को किया फोन, एटीएम की डिटेल पूछी

फोन करने वाले ने खुद को संसद की एसबीआइ ब्रांच का कर्मचारी बताया, सांसद ने मेडिकल थाने में भिजवाई तहरीर।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 12:30 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 12:30 PM (IST)
साइबर हैकर ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल को किया फोन, एटीएम की डिटेल पूछी
साइबर हैकर ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल को किया फोन, एटीएम की डिटेल पूछी

जागरण संवाददाता, मेरठ। मध्यवर्गीय व कम पढ़े-लिखे लोगों को शिकार बनाने वाले साइबर हैकर्स ने अब संभ्रांत लोगों व जनप्रतिनिधियों को भी निशाना बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। मेरठ के भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को फोन कर हैकर ने उनके एटीएम की डिटेल जानने की कोशिश की। शक होने पर सांसद ने फोन काट दिया। उन्होंने मेडिकल थाने में तहरीर भिजवाई है।

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सर, मैं पार्लियामेंट ब्रांच से बोल रहा हूं

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार शाम 4:16 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम राहुल शर्मा बताते हुए खुद को एसबीआइ की पार्लियामेंट ब्रांच का कर्मचारी बताया। कहा कि उनका एटीएम ब्लॉक हो गया है, वह उसे दोबारा चालू कर देगा।

नंबर पूछते ही हुआ शक

एटीएम कार्ड शुरू कराने की प्रक्रिया के बारे में कॉलर ने एटीएम की एक्सपायरी डेट पूछी, जो सांसद ने बता दी। इसके बाद कॉलर ने एटीएम पर लिखे 16 अंकों का नंबर पूछा तो उनका माथा ठनका और उन्होंने सवाल-जवाब शुरू कर दिए।

सर, आप मेरा एंप्लाई कोड लिख लीजिए

लैंडलाइन फोन से कॉल न करने के सवाल पर हैकर ने उन्हें झांसे में लेने की कोशिश की। कहा, वह एसबीआइ का कर्मचारी है, चाहें तो उसका एंप्लाई कोड ले सकते हैं। गोवर्धन पूजा की छुंट्टी पर कॉल आने पर उन्हें यकीन हो गया कि वह बैंककर्मी नहीं, बल्कि ठग है।

मामले को लेकर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह इतने आत्मविश्वास से बात कर रहा था कि कोई भी यकीन कर ले। पार्लियामेंट ब्रांच का नाम सुनकर एक बार तो मुझे भी विश्वास होने लगा था। मुझे पता था कि इस तरह ठगी की वारदातें हो रही हैं। मैंने तहरीर भिजवा दी हैं। लोगों से भी अपील है कि इस तरह के झांसे में न आएं। किसी से एकाउंट या एटीएम की डिटेल साझा न करें।

वहीं एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि साइबर हैकर ने सांसद को फोन किया था। सांसद की तरफ से तहरीर आ गई है। उसे साइबर सेल भेजकर कॉल करने वाले की जानकारी जुटाई जाएगी। ऐसे करते हैं ठगी

फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम पिन या खाते की जानकारी लेकर उससे नकदी चुरा लेते हैं। इसके अलावा मोबाइल का बैलेंस चोरी करना, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। कंप्यूटर या मोबाइल हैक करके भी हानि पहुंचाते हैं। हालांकि, बैंक अधिकारियों की मानें तो कोई भी बैंक अपने ग्राहकों से इस तरह की जानकारी कतई नहीं मांगता है।

यह बरतें सावधानी

-कार्ड के पीछे दर्ज तीन अंकों का सीवीवी नंबर किसी वेबसाइट पर डालते समय वर्चुअल कीपैड का इस्तेमाल करें।

-ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें।

-हर ट्रांजेक्शन के अलर्ट की सुविधा रखें। अपने बैंक से इसके लिए संपर्क करें।

-समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें।

-सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।


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