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मेरठ के एक बड़े कारोबारी के दो खाते से हैकरों ने उड़ाए 1.18 करोड़

एक बड़े कारोबारी के दो खातों से हैकरों ने एक करोड़ 17 लाख 56 हजार रुपये ऑनलाइन साफ कर दिए हैं। आबूलेन स्थित बैंक आफ बड़ौदा में दोनों खाते हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:19 AM (IST)
मेरठ के एक बड़े कारोबारी के दो खाते से हैकरों ने उड़ाए 1.18 करोड़
मेरठ के एक बड़े कारोबारी के दो खाते से हैकरों ने उड़ाए 1.18 करोड़

मेरठ (जेएनएन)। एक बड़े कारोबारी के दो खातों से हैकरों ने एक करोड़ 17 लाख 56 हजार रुपये ऑनलाइन साफ कर दिए हैं। आबूलेन स्थित बैंक आफ बड़ौदा में दोनों खाते हैं। पुलिस ने बैंक में करीब 10 घंटे तक जांच-पड़ताल की। पांच हैकरों के नंबर जुटा लिए गए हैं। अधिकतर नंबर मध्यप्रदेश के भोपाल के हैं। वहीं, भोपाल के एक्सिस बैंक में पैसे निकालने गए एक  युवक रोहन कुमार निवासी ओल्ड सुभाषपुरी-भोपाल को वहां की पुलिस ने बैंक कर्मचारियों की मदद से पकड़ लिया है। उससे भी पूछताछ की जा रही है।

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मेरठ के कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र में स्थित सारू सिल्वर एलॉयल प्रा. लि. के नाम से कारोबारी अभिषेक जैन की कंपनी है। उनके एकाउंटेंट प्रदीप कुमार ने बताया कि मंगलवार को उन्हें पता चला कि कंपनी के दो खातों से मोटी रकम निकाली गई है। उन्होंने बैंक में मालूमात की तो बताया गया कि उनके दोनों खातों से एचडीएफसी, एक्सिस, इंडस इंड बैंक के खातों में एक करोड़ 17 लाख 56 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। शिकायत करने पर बैंक पहुंचे एएसपी क्राइम सतपाल अंतिल, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल ने जांच की तो पता चला कि लखनऊ में वे सभी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें हैकिंग के बाद पैसा ट्रांसफर किया गया। रकम आगरा, भोपाल के बैंकों से निकाली गई है। मेरठ पुलिस ने भोपाल पुलिस से संपर्क किया और पकड़े गए युवक से लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई।

यह हुए ट्रांजेक्शन

-तीन सितंबर को आरटीजीएस के माध्यम से 50 लाख

-तीन सितंबर को ही आइएमपीएस के माध्यम से सात लाख 55 हजार

-चार सितंबर को आरटीजीएस के माध्यम से 40 लाख रुपये

-चार सितंबर को आइएमपीएस के माध्यम से 10 लाख एक हजार रुपये

-चार सितंबर को आइएमपीएस के माध्यम से 10 लाख रुपये

(आरटीजीएस: रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट, आइएमपीएस: इमिडिएट पेमेंट सर्विस)

बिना आवेदन शुरू कर दी बैंक ने नेट बैंकिंग

इस पूरे मामले में बैंक की लापरवाही भी सामने आ रही है। कारोबारी ने अपने दोनों ही खातों पर नेट बैंकिंग की सुविधा नहीं ली थी, लेकिन बैंक ने नेट बैंकिंग की सुविधा बिना अनुमति के ही शुरू कर दी। 

इस तरह हुआ फ्रॉड

दोनों खातों के साथ कंपनी के एकाउंटेंट प्रदीप कुमार का मोबाइल नंबर लिंक था। हैकरों ने एकाउंटेंट के नंबर को हैक करके बंद करा दिया। वहीं वोडाफोन कंपनी को रिक्वेस्ट भेज दी कि वह दूसरा सिम लेना चाहते हैं। इस दौरान एकाउंटेंट का नंबर बंद हो गया। इसी बीच हैकरों ने सिम अपने मोबाइल में डाल लिया। ऐसे में ओटीपी भी हैकरों के मोबाइल में गई, जिससे पूरी रकम निकाल ली गई।

एसएसपी मेरठ अखिलेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक सूचना के आधार पर हैकरों की धर-पकड़ के लिए विशेष टीम बनाई गई है। उन्हें भोपाल भेजा जा रहा है। इस प्रकरण में भोपाल पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया है। मैनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा एके पांडेय ने बताया कि बैंक पूरी तरह से मदद कर रहा है। हमने सभी प्राइवेट बैंकों में खोले गए खातों की डिटेल पुलिस को दे दी है। कोशिश की जाएगी कि कारोबारी की रकम वापस करा दी जाए।


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