हाई कोर्ट परीक्षा में सेंधमारी: एक कस्टम अधिकारी ने भेजी थी आंसर-की
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा आयोजित ग्रुप सी ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में सेंधमारी के मामले में एक कस्टम अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेर में है। जांच शुरू होते ही इस अधिकारी ने मोबाइल बंद कर लिया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 11:48 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:48 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। हाई कोर्ट परीक्षा में सेंधमारी का प्रयास करने के मामले में सनसनीखेज राजफाश हुआ है। दिल्ली के एक कस्टम अधिकारी ने परीक्षार्थी के मोबाइल पर आंसर-की भेजी थी। सात लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का झांसा दिया गया था। पुलिस और एसटीएफ आरोपित की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
नकल करते पकड़ा गया था
रविवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा ग्रुप-सी व ग्रुप-डी की परीक्षाएं आयोजित कराई गईं थी। बिजली बंबा बाईपास स्थित एस्ट्रॉन कॉलेज में ग्रुप-सी क्लेरिकल केडर की द्वितीय पाली की परीक्षा के दौरान मुजफ्फरनगर जिले के भसाना गांव निवासी विभोर कुमार पुत्र बीरबल को नकल करते पकड़ा गया था। उसके मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए आंसर-की भेजी गई थी। कॉलेज प्रबंधन ने दावा किया कि आंसर-की का प्रश्न पत्र से कुछ हद तक मिलान हुआ था। हालांकि, एसटीएफ और ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने उन्हें फर्जी बताया।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तैनात है
सूत्रों के मुताबिक, विभोर को बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी कस्टम अधिकरी ने अपने मोबाइल से आंसर-शीट भेजी थी। वह दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तैनात है। एसटीएफ की जांच के चलते उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया है। सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों ग्राम पंचायत की परीक्षा में भी उसने व उसके साथियों ने सेंधमारी की थी। उसके कई साथी इस धंधे से जुड़े हैं। विभोर से सात लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का वायदा किया गया था।
कई जगह दी दबिश
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ और पुलिस ने बड़ौत क्षेत्र में कई जगह दबिश दी, लेकिन सुराग नहीं मिल सका। उधर, सोमवार को विभोर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले विभोर खुद को निदरेष बताता रहा। उसने कहा कि उसे माफ कर दिया जाए।
इनका कहना है
फिलहाल मामले की जांच चल रही है। विभोर के मोबाइल से मिले नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया है।
-ब्रिजेश कुमार, सीओ एसटीएफ
नकल करते पकड़ा गया था
रविवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा ग्रुप-सी व ग्रुप-डी की परीक्षाएं आयोजित कराई गईं थी। बिजली बंबा बाईपास स्थित एस्ट्रॉन कॉलेज में ग्रुप-सी क्लेरिकल केडर की द्वितीय पाली की परीक्षा के दौरान मुजफ्फरनगर जिले के भसाना गांव निवासी विभोर कुमार पुत्र बीरबल को नकल करते पकड़ा गया था। उसके मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए आंसर-की भेजी गई थी। कॉलेज प्रबंधन ने दावा किया कि आंसर-की का प्रश्न पत्र से कुछ हद तक मिलान हुआ था। हालांकि, एसटीएफ और ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने उन्हें फर्जी बताया।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तैनात है
सूत्रों के मुताबिक, विभोर को बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी कस्टम अधिकरी ने अपने मोबाइल से आंसर-शीट भेजी थी। वह दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर तैनात है। एसटीएफ की जांच के चलते उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया है। सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों ग्राम पंचायत की परीक्षा में भी उसने व उसके साथियों ने सेंधमारी की थी। उसके कई साथी इस धंधे से जुड़े हैं। विभोर से सात लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का वायदा किया गया था।
कई जगह दी दबिश
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ और पुलिस ने बड़ौत क्षेत्र में कई जगह दबिश दी, लेकिन सुराग नहीं मिल सका। उधर, सोमवार को विभोर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले विभोर खुद को निदरेष बताता रहा। उसने कहा कि उसे माफ कर दिया जाए।
इनका कहना है
फिलहाल मामले की जांच चल रही है। विभोर के मोबाइल से मिले नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया है।
-ब्रिजेश कुमार, सीओ एसटीएफ
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