हवा में जहर घोल रहे कोल्हू, धड़ल्ले से जल रहा दूषित ईधन
दूषित ईधन को कोल्हू की भट्ठी में जलाने वाले कोल्हू संचालकों पर पल्लवपुरम स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारी मेहरबान हैं।
मेरठ,जेएनएन। दूषित ईधन को कोल्हू की भट्ठी में जलाने वाले कोल्हू संचालकों पर पल्लवपुरम स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारी मेहरबान हैं। कार्यालय के रिकॉर्ड में कोल्हू पर सीलिग की कार्रवाई दर्ज है। मगर, पर्दे के पीछे प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी और कोल्हू संचालकों की दोस्ती मंगलवार को उजागर हो गई। जिन कोल्हू पर प्रदूषण नियंत्रण की टीम ने प्लास्टिक और पॉलीथिन जलाने पर वायु प्रदूषण फैलने के आरोप में कार्रवाई की थी, वह कोल्हू मंगलवार को दूषित ईधन से दोबारा सुलग उठे। खरदौनी, कुनकुरा समेत कई गांवों के ग्रामीणों और विभागीय सूत्रों की मानें तो कोल्हू संचालक और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारियों की साठगांठ की वजह से ही प्लास्टिक और पॉलीथिन धड़ल्ले से जलाई जा रही है। काला धुंआ आसमान छू रहा है, जिसमें सांस लेना दूभर हो गया है। ग्रामीण अब प्रदूषण कार्यालय के अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक करने की बात कह रहे हैं।
-15 अक्टूबर को लगाई थी 11 कोल्हू पर सील
खरदौनी गांव समेत आसापास के क्षेत्र में 15 अक्टूबर को क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने पुलिस को साथ लेकर 11 कोल्हू पर सील लगाई थी। आरोप था कि संचालक कोल्हू की भट्ठी में प्लास्टिक और पॉलीथिन को जलाकर गुड़ बना रहे हैं। इसके कारण ग्रामीण जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। टीम ने सील करने के साथ मुकदमा दर्ज भी संचालकों को दी थी। -टीम ने दूषित ईंधन नहीं किया था जब्त
15 अक्टूबर को टीम ने जब दूषित ईंधन जलाने के आरोप में कोल्हू पर सील लगाने की कार्रवाई की थी, तब कोल्हू के मैदान में 10 कुंतल से भी अधिक दूषित ईंधन जैसे प्लास्टिक और पॉलीथिन के ढेर लगे थे। टीम ने मौके से दूषित ईंधन जब्त नहीं किया। जिसके नतीजा रहा कि मंगलवार को वह दूषित ईंधन कोल्हू की भट्ठी में डालकर आग लगा दी गई।
आरोप बेबुनियाद हैं। टीम ने दूषित ईंधन जलाने वाले कोल्हू पर सील लगाई थी, जिनसे भविष्य में दोबारा दूषित ईंधन न जलाने के लिए भी शपथ पत्र मांगे थे। मंगलवार को दूषित ईंधन से कोल्हू चलाए गए हैं, इसकी जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरके त्यागी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेरठ-बागपत