करोड़ों की योजना..फिर भी पार्को की बदहाली नहीं हो रही दूर
अमृत योजना के तहत शहर के पार्को की बदहाली दूर करने का दिखाया गया सपना धरातल पर आ गया है।
मेरठ : अमृत योजना के तहत शहर के पार्को की बदहाली दूर करने का दिखाया गया सपना धरातल पर नहीं उतरा। कहने को करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन पार्क बदहाल पड़े हैं। चार पार्को के प्रस्ताव शासन में एक साल से अटके हैं। उच्च अधिकारियों के दौरों के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
अमृत योजना के तहत वर्ष 2017-20 के बीच शहर के बड़े पाकरें के सौंदर्यीकरण की योजना थी। केंद्र सरकार ने बजट का प्रावधान भी किया था। नगर निगम के अमृत सेल ने पहले चरण में जिन पार्को के प्रस्ताव बनाए थे। उनमें जागृति विहार सेक्टर-दो, शास्त्रीनगर बी ब्लॉक कम्यूनिटी सेंटर वाला पार्क, मंगलपांडे नगर में सेक्टर तीन का पार्क और सूरजकुंड पार्क में 95 फीसद काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। जबकि हकीकत कुछ और है। सूरजकुंड पार्क की बात करें तो यहां पर बोटिंग के लिए कुंड सूखा पड़ा है। उसमें तकनीक कारणों से पानी ही नहीं रुकता है। हाई मास्ट लाइट आठ माह में खराब पड़ी है। फव्वारे भी नहीं चलते हैं। क्षेत्रीय पार्षद ने म्यूजिकल फाउंटेन की मांग की थी वह भी पूरी नहीं हुई। केवल बाउंड्रीवॉल का निर्माण कर विभाग ने इतिश्री कर ली है। जबकि एक करोड़ की धनराशि इस पार्क के लिउ स्वीकृति की गई थी। वहीं, प्रथम चरण में शामिल अन्य पार्को में जैदी सोसायटी के पार्क विवाद में फंस गया। जबकि शास्त्रीनगर, मंगलपांडे नगर और जागृति विहार के पार्क में कहीं झूले लगने का काम शेष है तो फव्वारे के लिए बिजली कनेक्शन नहीं कराया गया है। ये प्रस्ताव एक साल से अटके
दूसरे चरण में नगर निगम के अमृत सेल ने जागृति विहार सेक्टर एक, गंगानगर स्थित राधा गार्डन पार्क नं दो, गंगानगर सी ब्लॉक पार्क नं. दो और पल्लवपुरम् डीएच पार्क को शामिल किया था। इनका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। लगभग 4.76 करोड़ रुपये से कायाकल्प होना है, लेकिन शासन से बजट ही नहीं मिला। जबकि मार्च 2020 तक योजना के काम को पूरा करना है।
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ये सुविधाएं देनी हैं..
पार्को में बाउंड्रीवाल, मॉर्निग वॉक के लिए पाथ-वे, झूले,ओपेन जिम, फव्वारा, रंग-बिरंगी लाइटें, फूलदार, हरियाली वाले पौधे, पत्तियों के निस्तारण के लिए पार्कों में कंपोस्टिंग यूनिट, कूड़ा-कचरा डालने के लिए पार्को में डस्टबिन की व्यवस्था योजना के तहत की जानी है, लेकिन जिन पार्को के सौंदर्यीकरण के दावे किए जा रहे हैं। उनमें ही इनमें से अधिकतर सुविधाएं मयस्सर नहीं है।
-------------- अमृत योजना के तहत जिन पार्को का सौंदर्यीकरण किया गया है। उसकी वास्तविक स्थिति चेक कराई जाएगी। जो प्रस्ताव अटके हैं। उनके लिए बजट का प्रयास किया जाएगा।
डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, नगर आयुक्त