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Criminal wrestler Sushil Kumar: अखाड़ों ने बनाया था सूरमा, भटके तो बने जरायम के पहलवान, पढ़ें-कैसे किया दामन दागदार

ओलंपियन सुशील कुमार के चर्चाओं में आने बाद अब सवाल उठने लगे हैं। पश्चिमी उप्र तथा हरियाणा के कई पहलवान अखाड़े छोडऩे के बाद अपराध जगत से जुड़े हैं। यूपी में 2017 में पहला एनकाउंटर सहारनपुर के मंसूर पहलवान का किया उस पर 50 हजार का इनाम था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 08:51 AM (IST)
Criminal wrestler Sushil Kumar: अखाड़ों ने बनाया था सूरमा, भटके तो बने जरायम के पहलवान, पढ़ें-कैसे किया दामन दागदार
पहलवानों का अपराध की दुनिया से पहले से ही नाता रहा है।

अश्वनी त्रिपाठी, सहारनपुर। Criminal wrestler Sushil Kumar News: ओलंपियन सुशील कुमार पर पहलवान सागर की हत्या के आरोप से अखाड़े हैरत में हैं। सुशील कुमार पर लगे आरोपों का सच तो कोर्ट में सामने आएगा, लेकिन यह कड़वा सच है कि अखाड़ों से निकले कई धुरंधर पहलवान रास्ता भटक गए और उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। पश्चिम उप्र, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में तो कई पहलवानों ने आपराधिक गैंग चलाए। अपराधी बनने के पीछे पहलवानों की कमजोर आर्थिक स्थिति भी मुख्य वजह बनी। अखाड़ों से नाता टूटने के बाद पहलवान गरीबी तथा तंगहाली से जूझने लगते हैं। इसके चलते कई पहलवान कभी-कभी जरायम की राह पकड़ लेते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब पहलवानी पर दाग लगा हो।

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यह भी जानिए

पश्चिमी उप्र तथा हरियाणा के कई पहलवान अखाड़े छोडऩे के बाद अपराध जगत से जुड़े हैं। यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद पुलिस ने सन 2017 में पहला एनकाउंटर सहारनपुर के मंसूर पहलवान का किया, उस पर 50 हजार का इनाम था। अखाड़ों से जरायम में पहुंचने वाले पहलवानों में सबसे कुख्यात नाम श्रीप्रकाश शुक्ला का था। पूर्वांचल का यह पहलवान कुश्ती छोड़कर अपराधी बना था। बहन को देखकर सीटी बजाने वाले राकेश तिवारी नामक एक व्यक्ति की श्रीप्रकाश ने हत्या की। इसके बाद श्रीप्रकाश शुक्ला ने कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस एनकाउंटर में वह मारा गया।

एक लाख का इनाम

कुशीनगर का सुखदेव पहलवान डीपी यादव के गैंग में शामिल हुआ। नीतीश कटारा हत्याकांड में उसे 20 साल की सजा हुई। सन 2012 में मारा गया जग्गू पहलवान दिल्ली तथा पश्चिमी उप्र में सक्रिय दुर्दांत बदमाश था। जग्गू पहलवान का बागपत में भी बड़ा खौफ था। वेटलिफ्टिंग में नेशनल खिलाड़ी रहे अनिल पहलवान उर्फ लीला पर एक लाख का इनाम घोषित हुआ। मोस्ट वांटेड अनिल को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दिल्ली में महेंद्र पहलवान के गैंग का खौफ रहा। रोहतक के बदमाश कृष्ण पहलवान पर 25 हजार का इनाम घोषित हुआ था। बुलंदशहर के खुर्जा में इनामी आरिफ पहलवान पर हत्या समेत लूट व पशु वध कराने का मामला दर्ज था। हरियाणा के धर्मेंद्र पहलवान पर भी आपराधिक मामला दर्ज है। कानपुर देहात का विकास दूबे भी पहलवान था। उत्तराखंड में शहजाद पहलवान पर इनाम घोषित किया गया। 14 फरवरी को रोहतक में एक रेसलर ने पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पहलवान नवीन दलाल व राकेश पहलवान पर हत्या का आरोप लगा।

पहलवानों को मिले सरकारी सुविधा

कई बार पहलवानी में नाकामी मिलने पर हताश होकर पहलवान अपराध की ओर रुख कर लेते हैं। पहलवान जितेंद्र प्रमुख कहते हैं कि पहलवानों को संरक्षण देने के लिए सरकार को पहलवानों के लिए पेंशन, सरकारी सुविधाएं देनी चाहिए। उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार सेवा का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि पहलवान अपने परिवार ठीक तरह से चला सकें। दूसरी ओर जिलाधिकारी अखिलेश कुमार सिंह बताते हैं कि सहारनपुर में खिलाडिय़ों को सरकारी योजनाओं के अनुसार लाभान्वित किया जाता है। प्राथमिकता के आधार पर खिलाडिय़ों को सम्मान भी दिया जा रहा है।


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