Ayushman Bharat Yojna : आयुष्मान योजना में भी भ्रष्टाचार, भर्ती के लिए फर्जी विज्ञापन से शासन में हड़कंप Meerut News
देश की प्रमुख योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना में भी भ्रष्टाचार की झलक नजर आ रही है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। इलाज की तस्वीर बदलने वाली आयुष्मान योजना में भी भ्रष्टाचार का घुन लग गया। डाक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, जीएनएम और आयुष्मान मित्र समेत तमाम पदों के लिए फर्जी आवेदन निकाल दिए गए। इसके लिए आयुष्मान योजना नाम की वेबसाइट का भी इस्तेमाल हुआ। जानकारी मिलने पर शासन सकते में आ गया। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण ने सभी जिलों को पत्र भेजकर तत्काल रोक लगाने की बात कही है।
फर्जी वेबसाइट के प्रति आगाह किया
प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने 27 सितंबर को जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर फर्जी वेबसाइट के प्रति आगाह किया है। आयुष्मान योजना और आरोग्य मिशन के अंतर्गत डाक्टर समेत दर्जनभर पदों के लिए कुछ वेबसाइटों पर विज्ञापन चल रहे हैं। वेबसाइट पर प्रकाशित विज्ञापनों में उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता का भी विवरण है। डाक्टरों के लिए विज्ञापन में आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर, जबकि अन्य पदों के लिए अंतिम तिथि 19 सितंबर बताई गई है।
भारी भरकम उगाही का अंदेशा
माना जा रहा है कि इस दौरान आवेदकों से भारी भरकम राशि भी उगाही गई। इन पदों के लिए 15 दिसंबर 2019 को आनलाइन परीक्षा आयोजित होने की भी बात प्रकाश में आई है। यही नहीं, आनलाइन परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन स्लिप भी भेज दी गई और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इन स्लिपों में प्रेषक के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आयुष्मान योजना डॉट ओआरजी के साथ एक मोबाइल नंबर अंकित है।
कई जिलों में अफरातफरी
प्रमुख सचिव के पत्र के बाद कई जिलों में अफरातफरी मच गई। जिला प्रशासन ने आननफानन में रिकार्ड चेक किया। शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस प्रकार की फर्जी गतिविधियों में लिप्त संस्थाओं पर कड़ी कारवाई करें। आयुष्मान योजना के प्रचार के जरिए बताएं कि कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। उधर, जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि सीडीओ और सीएमओ को पत्र भेजकर विधिक कार्यवाही करने को कहा गया है।