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coronavirus प्रयोगात्मक कार्य में छात्र बनाएंगे सैनिटाइजर और कोरोना के प्रभाव पर तैयार करेंगे रिपोर्ट meerut news

कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ बचाव की जहां हर संभव कोशिशें की जा रही हैं वहीं चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों से प्रयोगात्‍मक कार्य में सैनिटाइजर बनवाने की तैयारी है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 01:10 PM (IST)
coronavirus प्रयोगात्मक कार्य में छात्र बनाएंगे सैनिटाइजर और कोरोना के प्रभाव पर तैयार करेंगे रिपोर्ट meerut news
coronavirus प्रयोगात्मक कार्य में छात्र बनाएंगे सैनिटाइजर और कोरोना के प्रभाव पर तैयार करेंगे रिपोर्ट meerut news

मेरठ, जेएनएन । कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर तरह की कोशिश हो रही है। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज बंद हैं। छात्र-छात्राओं की परीक्षा बीच में रोक दी गई। छात्रों को ईमेल और वाट्स्एप पर कुछ शिक्षक होमवर्क भी भेज रहे हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने डिग्री कॉलेजों के सभी शिक्षकों को निर्देश दिया है कि छात्रों को ईमेल और वाट्सएप पर होमवर्क भेजा जाए। विज्ञान के विद़यार्थियों से प्रयोगात्‍मक कार्य में सैनिटाइजर बनवाने की तैयारी की जा रही है।

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  कॉलेजों की संख्या एक हजार से अधिक

मेरठ और सहारनपुर मंडल में कॉलेजों की संख्या एक हजार से अधिक है, जो चौ. चरण सिंह विवि से जुड़े हुए हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने कॉलेजों के प्राचार्य से कहा है कि वह छात्रों को विषय से संबंधित होमवर्क ईमेल पर भेजे। विज्ञान के छात्र हैं तो उन्हें प्रयोगात्मक कार्य करने के लिए असाइनमेंट दें, जिसमें वह सैनिटाइजर बनाने की कोशिश करें।

अन्य छात्रों को यह भी असाइनमेंट दे सकते हैं कि वह कोरोना वायरस का किस देश में किस तरह का इफेक्ट पड़ा है। उसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करें। इससे कोरोना वायरस को लेकर जहां लोगों में और जागरूकता आएगी। उन्होंने ऐसे असाइनमेंट को कोर्स का हिस्सा भी बनाने को कहा है।

 हर शिक्षक करें सहयोग

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजीव गुप्ता ने कहा कि डिग्री कॉलेजों में कई विषय के विशेषज्ञ हैं। कोरोना का जो दौर चल रहा है, उसमें हर एक को अपने स्तर पर जिम्मेदारी संभालने की जरूरत है। कॉलेजों में मनोविज्ञान के शिक्षक घर पर बैठे- बैठे सोशल व्हाट्एप ग्रुप और अन्य माध्यमों से लोगों को मनोवैज्ञानिक तरीके से मनोबल को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक लोगों को घर बैठे यह बता सकते हैं कि वह कौन- कौन से एक्साइज कैसे कर सकते हैं। कॉलेजों में डाइटीशियन लोगों के खान-पान के विषय में बता सकते हैं। 

 भ्रांतियों को करें दूर 

विज्ञान के शिक्षक कोरोना वायरस को लेकर फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए अपने अध्ययन को बढ़ा कर अन्य लोगों को बता सकते हैं। डा. गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से इस समय कई तरह की अफवाह फैल रही है। उसे देखते हुए विशेषज्ञ शिक्षकों की राय का महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। छात्रों के साथ संवादकर फोन पर भी शिक्षक इस कार्य को कर सकते हैं। उन्होंने इसके लिए कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र भी लिखा है।


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