Coronavirus: मेरठ में वैक्सीन से पहले हार मानने लगा कोरोनावायरस, वो 16 दिन...और ये 16 दिन
यह कोरोना पर बड़ा प्रहार है। कोरोना का टीकाकरण शुरू होने के बाद अब इसके और कम होने की उम्मीद है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने शनिवार को कोरोना का टीका लगवाया। उनके साथ कई वरिष्ठ डाक्टरों ने भी वैक्सीन ली। आंकड़ों की भी तुलना की गई।
संतोष शुक्ल, मेरठ। कोरोना का खौफनाक दौर पार हो गया। अब तो वैक्सीन भी आ गई है। दस माह तक चली लंबी लड़ाई में वायरस की हार तय नजर आ रही है। मेडिकल कालेज के आंकड़े बुरा वक्त गुजर जाने का भरोसा दे रहे हैं। प्राचार्य हर माह की 16 तारीख तक संक्रमण के आंकड़ों का मिलान करते नजर आए। हालांकि माना कि वायरल संक्रमण को लेकर कोई चूक करना ठीक नहीं होगा।
यह भी जानिए
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने शनिवार को कोरोना का टीका लगवाया। उनके साथ कई वरिष्ठ डाक्टरों ने भी वैक्सीन ली। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड के पिछले महीनों का आंकड़ा देखते हुए प्राचार्य की आंखों में भरोसा चमक उठा। प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि वायरस हार गया है। चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने डटकर संक्रमण का मुकाबला किया। कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर चुके डा. धीरज राज ने बताया कि सितंबर में एक दिन में दस मौतें तक हुईं, जबकि जनवरी में तकरीबन सभी मरीज बचाने में सफलता मिल रही है। कोरोना मरीजों का इलाज कर चुके डा. अनिरुद्ध ने बताया कि वायरस देशभर में कमजोर पड़ा है। 200 बेडों के वार्ड में पिछले कई सप्ताह से 20 से कम मरीज भर्ती हैं, जहां सितंबर व नवंबर के दौरान 150 से ज्यादा मरीज थे।
ये रहा माह की 16 तारीख तक का आंकड़ा
माह मेडिकल कालेज में मौतें
1-16 सितंबर 82
1-16 नवंबर 30
1-16 दिसंबर 15
1-16 जनवरी 05
इनका कहना है
मेडिकल कालेज में जून में साप्ताहिक मौत की दर 46 फीसद तक पहुंच गई थी। सितंबर-अक्टूबर में कई बार 30 फीसद से ज्यादा रही, जो दिसंबर से घटनी शुरू हुई। इलाज के तौर पर रेमेडिसीवीर, हाई फ्लो नेजल कैनुला, नई स्टेरायड की सुविधा मिली। डी-डाइमर टेस्ट और हाल में प्लाज्मा थेरपी भी शुरू हुई, लेकिन अब वायरस तेजी से कमजोर हुआ है। छह माह तक मास्क, शारीरिक दूरी और सफाई का पालन करें।
- डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज मेरठ