Coronavirus: कोरोना के 61 मरीजों के बीच जापान में फंसे मेरठ के पीयूष Meerut News
हांगकांग से जापान पहुंचे एक क्रूज में मेरठ के पीयूष समेत भारत के छह नागरिक सवार हैं। इनमें 61 यात्रियों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से जापान में खलबली मच गई है।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Coronavirus कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में मचे हाहाकार के बीच कई भारतीय जहां-तहां फंसे हैं। हांगकांग से जापान पहुंचे एक क्रूज में मेरठ के पीयूष समेत भारत के छह नागरिक सवार हैं। इनमें 61 यात्रियों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से जापान में खलबली मच गई है। क्रूज के यात्रियों की 14 दिनों तक निगरानी की जाएगी। उधर, भारतीय दल ने तीन दिन पहले भारतीय दूतावास से संपर्क साधा है।
25 जनवरी को गए थे हांगकांग
मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी पीयूष वशिष्ठ, मूलचंद के पुत्र हैं और गुरुग्राम के सेक्टर-33 स्थित एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पीयूष छह सहकर्मियों के साथ 25 जनवरी को भारत से हांगकांग गए ते। डायमंड प्रिंसेज नामक क्रूज उसी दिन जापान के लिए निकला, जिसमें 3700 लोग सवार थे। क्रूज जब जापान के याकोहामा बंदरगार पहुंचा, तब कई यात्रियों में कोरोना के लक्षण उभरे। इसके बाद जापान की सरकार हरकत में आ गई।
14 दिन तक रहेंगे निगरानी में
273 संदिग्ध लोगों की जांच में पता चला कि 61 यात्रियों में कोरोना वायरस पहुंच चुका है। सभी मरीजों को आइसोलेट कर अस्पतालों में दाखिल करा दिया गया। इसके साथ ही क्रूज को जहां का जहां रोक दिया गया। डॉक्टरों की टीम 14 दिनों तक क्रूज में मौजूद लोगों को निगरानी में रखेगी। माना जा रहा है कि संक्रमण कुछ दूसरे यात्रियों में भी पहुंचा है। इसके लिए टोकियो के अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
क्रूज में फल खाकर गुजारा
पीयूष वशिष्ठ ने शुक्रवार को फोन पर बताया कि 61 लोगों में कोरोना मिलने से अन्य सैकड़ों लोगों में भय का माहौल है। क्रूज से निकलने की इजाजत भी नहीं दी जा रही। यात्रियों को ताजी हवा में सांस लेने का मौका नहीं मिल रहा है। पीयूष ने बताया कि वह सिर्फ फल का सेवन कर रहे हैं। सभी को मास्क दिया गया है।
खुद ही नाप रहे बुखार
पीयूष ने बताया कि सभी यात्री अपने केबिन में बंद हैं और 14 दिनों तक निगरानी में रहेंगे, लेकिन लोगों को अपना बुखार खुद नापना पड़ रहा है। क्रूज को शहर से पूरी तरह अलग कर दिया गया है। पीयूष ने बताया कि इनमें छह भारतीय फंसे हैं, जिन्हें दूतावास से मदद की उम्मीद है। क्रूज में आस्ट्रेलिया, अमेरिका और एशियाई देशों के कई यात्री हैं।