Coronavirus: जरा संभलकर, मेरठ में 41 दिनों में इन देशों से पहुंचे 333 विदेशी
कोरोना को लेकर मेरठ प्रशासन लगातार सर्तकता बरत तो रहा है पर अभी 41 दिनों के अंदर शहर में 333 विदेशी नागरिकों का प्रवेश हुआ है। प्रशासन का दावा है कि सबकी स्कीनिंग कराई जा रही है।
[अनुज शर्मा] मेरठ। सचेत रहें क्योंकि मेरठ जनपद की सड़कों पर वर्तमान में सैकड़ों विदेशी घूम रहे हैं जो स्थानीय लोगों के लिए किसी भी समय बड़े खतरे का कारण बन सकते हैं। सरकारी आंकड़ा गवाह है कि एक फरवरी से 12 मार्च तक कुल 41 दिन में मेरठ में 38 से ज्यादा देशों से 333 विदेशी नागरिक पहुंचे हैं। हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि सभी की स्क्रीनिंग कराई जा रही है और उनपर खुफिया विभाग व स्वास्थ्य विभाग की नजरें हैं। दूसरी ओर, बड़ी संख्या में विदेश यात्र से लौट रहे स्थानीय नागरिक खुफिया विभाग के हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं।
तमाम देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। चीन और इटली में सर्वाधिक मौतें दर्ज हुई हैं। भारत में इस वायरस की आमद विदेश से आने वाले लोगों के माध्यम से हुई है। मेरठ भी ऐतिहासिक जनपद है। यहां पर्यटन व अन्य कार्यो से विदेशी नागरिकों का आवागमन लगा रहता है यानी खतरा यहां भी गली गली में मंडरा रहा है। खुफिया विभाग को प्रत्येक विदेशी नागरिक के जनपद में आने की सूचना मिलती है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक फरवरी महीने के 29 दिन में जनपद में 38 देशों के 199 विदेशी नागरिक पहुंचे।
मार्च महीने के भी 12 दिन में मेरठ आने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या 134 रही। यानी सबसे गंभीर समयावधि में 41 दिन में 333 विदेशी नागरिक मेरठ की धरती पर पहुंचे हैं। इनमें से किसी के भी माध्यम से कोरोना का वायरस मेरठ पहुंच सकता है।
जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है विदेश से आने वाले हर व्यक्ति का ब्योरा हमारे पास है। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग कर रही है। उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों की विदेश यात्र से वापसी पर उनकी पकड़ एयरपोर्ट पर ही की जा सकती है। वहां से निकलने के बाद उन्हें खोज पाना मुश्किल होता है।
विदेश से आए 14 यात्री गुम, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस भले ही चीन से संक्रमित हुआ, किंतु उसका खौफ पूरी दुनिया में नजर आ रहा है। नई दिल्ली के नजदीक होने की वजह से मेरठ हाई अलर्ट मोड में है। विदेश से 33 यात्रियों में से 14 की कोई खोज खबर न मिलने से स्वास्थ्य विभाग का रक्तचाप बढ़ गया है। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक दस का पता मिल गया, किंतु वो अन्य जिलों में घूम रहे हैं, जबकि चार का कोई अता पता नहीं मिला। बताया गया है कि सर्वाधिक लोग ईरान से लौटे हैं। मेरठ में अब तक विदेश से आए कुल 134 यात्रियों को सर्विलांस में रखा जा चुका है। बुधवार को 33 यात्रियों की सूची मिली तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर जांच पड़ताल शुरू की। शुक्रवार तक विभाग ने 29 यात्रियों की जानकारी जुटा ली। सिर्फ एक यात्री का फोन नंबर मिला, बाकी अन्य को पतों पर पहुंचकर खोजा गया। पता चला कि दस लोग अन्य जिलों में घूम रहे हैं, जिसे विभाग ने संक्रमण का बड़ा खतरा माना है। जिला सर्विलांस टीम को अंदेशा है कि अगर कोई यात्री संक्रमित होगा तो वो तीन नए मरीज बना देगा। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया कि 19 यात्रियों का सर्विलांस शुरू कर दिया गया है। अगर किसी में 14 दिन के अंदर बुखार, खांसी व जुकाम के लक्षण उभरेंगे तो मेडिकल कालेज का माइक्रोबायोलोजी विभाग मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजेगा। रिपोर्ट पाजिटिव आई तो मेडिकल कालेज में बने वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाएगा।
इटली से आए आठ नागरिक
एक फरवरी से 29 फरवरी तक के बीच में आए विदेशीयों की संख्या हैं। जिसमें अफगानिस्तान 4, अर्जेटीना 32, आस्ट्रेलिया 20, फ्रांस 05, जर्मनी 24, आयरलैंड 05, इटली 08, जापान 07 म्यांमार (बर्मा) 10, साउथ अफ्रीका 04, स्पेन 04, स्वीडन 09 यूएसए 15 का कुल देश 38 में से कुल विदेशी 199 का आगमन हुआ है।
प्रत्येक केे स्किनिंग का दावा
प्रत्येक विदेशी की स्क्रीनिंग का दावा दावा है कि जनपद में आने वाले प्रत्येक विदेशी नागरिक की गतिविधियों की पलपल की सूचना खुफिया विभाग के माध्यम से प्राप्त होती रहती है। कोरोना के डर के चलते प्रत्येक लोगों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार स्क्रीनिंग कराई जा रही है। ताकि स्थानीय लोगों को कोई खतरा न हो।