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Corona Warrior: कोरोना संक्रमण से जीत गए जंग, जिंदगी भी कुछ बदल गई, जानिए कोरोना विजेताओं के अनुभव

कोरोना के इलाज के बाद से लोगों के रहन-सहन और साफ-सफाई जैसे चीजों में बहुत ही सुधार हुआ है। साथ ही कुछ अहम सुधार की हो रहे हैं जो पहले से विल्‍कुल ही अलग हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 03:39 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 03:39 PM (IST)
Corona Warrior: कोरोना संक्रमण से जीत गए जंग, जिंदगी भी कुछ बदल गई, जानिए कोरोना विजेताओं के अनुभव
Corona Warrior: कोरोना संक्रमण से जीत गए जंग, जिंदगी भी कुछ बदल गई, जानिए कोरोना विजेताओं के अनुभव

मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच जीवनशैली में बड़े बदलाव आ गए हैं। हर व्यक्ति सफाई और शारीरिक दूरी का पालन कर रहा है, वहीं संक्रमण के बाद ठीक हुए लोगों की जिंदगी ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। दुनिया की सबसे भयावह महामारी को हराकर घर पहुंचे इन कोरोना योद्धाओं ने लोगों को भी मानसिक रूप से मजबूत बनाया है। वह बताते हैं कि कोरोना से लड़ाई ने जिंदगी का नजरिया ही बदल दिया। जागरण ने कुछ ऐसे कोरोना विजेताओं से बात की। उधर, मेडिकल कालेज के न्यूरोसाइकेटिस्ट का कहना है कि यह तनाव का दौर है, लेकिन मरीज इससे तेजी से उबर रहे हैं।मेडिकल कालेज से सौ से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।

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मैं क्वारंटाइन पूरा करने के बावजूद अब भी परिवार से सुरक्षित दूरी बनाकर रहता हूं। कोरोना वार्ड से प्राणायाम और योगासान करना शुरू किया। अब नियमित रूप से जीवनशैली में शामिल हो गया। इससे प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही आत्मबल भी बढ़ता है। कोरोना भयावह महामारी है, किंतु अब लोगों ने स्वस्थ जीवनशैली का महत्व समझ लिया है।-अश्वनी गर्ग, मर्चेट नेवी के अधिकारी

मैं कवि हूं। कोरोना वार्ड में रहने के दौरान मेरी रचनात्मकता बढ़ गई। कई रचनाएं लिखीं। वार्ड में खौफ के बावजूद मैं बीमारी से एक पल के लिए भी नहीं डरा। यह दौर निराशा से निकलकर कुछ सीखने का वक्त है। मैं और मेरी पत्नी दोनों कोरोना पाजिटिव थे और ठीक होकर लौटे। अब हमने एक नई जीवनशैली आत्मसात कर ली है। दुनिया कोरोना के साथ बदलेगी। -हर्ष गोयल मधुर, कवि

कोरोना के दौर में मनोबल सबसे बड़ी ताकत है। मैं वार्ड में भर्ती हुआ। एक बार परेशान भी हुआ। ध्यान और योग से उबर गया। कोरोना को शिकस्त देकर निकला तो जिंदगी में काफी कुछ बदल गया। जीवन के हर पल का आनंद ले रहा हूं। मनोरंजन स्वस्थ जीवन व मनोदशा की सबसे बड़ी खुराक है। खानपान में बदलाव किया है। इससे काफी सुकून मिला है।-स्वर्णजीत सिंह सिद्ध, प्रहलादनगर

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को इलाज के दौरान घबराहट और एंजायटी थी। कई पहले से डिप्रेशन व अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। उपचार के दौरान उन्हें कई दिनों तक गहरी सांस लेने का अभ्यास कराया। इससे मरीजों का तनाव दूर हुआ और उनके फेफडों को नई ताकत मिली। फीडबैक फार्म भराया तो पता चला कि उनमें एंजायटी कम हो गई। घर जाने से उन्हें भावनात्मक ताकत भी मिल गई। उनमें एक खतरनाक बीमारी को शिकस्त देने का नया आत्मबल देखा जा रहा है।-डा. तरुण पाल, न्यूरोसाइकेटिस्ट मेडिकल कालेज

यकीन है एहतियात बरतेंगे

प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य का कहना है कि सभी मरीजों को डिस्चार्ज के समय डाइट चार्ट दिया गया है। उन्हें प्राकृतिक जीवनशैली और तनावमुक्त रहने के लिए प्रेरित किया गया है। वे जिस माहौल से बाहर निकले हैं, यकीन है कि संक्रमण से बचने के लिए हमेशा एहतियात बरतेंगे। सफाई करने की प्रवृत्ति से उन्हें डायरिया, पेचिश, टायफायड, पीलिया व अन्य बीमारियों से भी बचाव मिलेगा। ठीक होकर घर पहुंचे सभी लोग योगासन, प्राणायाम, सरल खानपान करने के साथ ही वक्त के पाबंद हो गए हैं। मेडिकल कालेज उनके स्वास्थ्य का फालोअप भी ले रहा है। 


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